Magazine - Year 1957 - Version 2
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Language: HINDI
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गायत्री-भक्तों के सराहनीय सत्प्रयत्न।
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जावद (म.प्र.) में प्रति सप्ताह यज्ञ और हवन का कार्यक्रम चालू है। दीपावली पर वेदमाता की सामूहिक आरती रात के 9 बजे के बाद की गई व प्रसाद वितरण किया गया। 24 अक्टूबर को अन्नकूटोत्सव मनाया गया, जिसमें सब सदस्यों ने सामूहिक भोजन किया।
-बद्रीलाल नागता
बिलासपुर (म.प्र.) में श्री आनन्दभाई सोनी ने नवरात्रि के अवसर पर सवालक्ष गायत्री जप का अनुष्ठान किया, जिसकी पूर्णाहुति ता. 28 अक्टूबर को गायत्री शाखा के संचालक श्री सुधाराम महाजन व चीनारामजी पोद्दार आदि के निरीक्षण में बड़े समारोह से दी गई। हवन में अन्य सैंकड़ों दर्शकों ने भाग लिया और प्रसाद पाया। बिलासपुर शाखा की तरफ से सवा करोड़ जप व सवालक्ष आहुतियों के यज्ञ करने का विचार किया जा रहा है।
-मंत्री, गायत्री शाखा
गरोठ (म.प्र.) की शाखा के सहयोग से बरडया अमरा ग्राम में श्री रामचन्द्र गुप्त हैडमास्टर के यहाँ सामूहिक हवन किया गया। दो सज्जनों का यज्ञोपवीत संस्कार भी किया गया। यज्ञ का आयोजन, अति उत्तम व सफल रहा। मा. 10 नवम्बर को भी श्री बद्रीलालजी के स्थान पर दो हवन कुण्डों का यज्ञ किया गया व शाखा स्थापित की गई।
-एस.एन. शर्मा
सीमेंट फैक्ट्री (सवाइ माधोपुर राजस्थान) में नवरात्रि के अवसर पर श्री रामनारायणजी वर्मा ने 24 हजार जप व अनुष्ठान किया और श्री हंसराज जुनेजा तथा रूपसिंहजी ने चालीसा पाठ किया। ता. 2 अक्टूबर को बड़े समारोह व गाजे-बाजे के साथ श्री शान्तानन्दजी की अध्यक्षता में 4 हजार आहुतियों का हवन किया गया। 240 चालीसा वितरण किये गये व 5 नये सदस्य बनाये गये।
-मन्त्री, गायत्री-उपासक मण्डल
रामगंज मण्डी (कोटा) में नवरात्रि के अवसर पर अखण्ड रामायण पाठ किया गया व कई सदस्यों ने 24-24 हजार का अनुष्ठान किया। दशमी के दिन 1680 आहुतियों का हवन व आरती की गई। गाँव में जुलूस निकाला गया। इस आयोजन में श्री भँवरलालजी शर्मा ने विशेष उद्योग किया जो सराहनीय है।
-बसन्तीलाल शर्मा
पुष्कर क्षेत्र (अजमेर) में कार्तिक बदी 12 रविवार से 24 लाख का महापुरश्चरण आरम्भ किया गया है। इस कार्य का संचालन सेठ वंशीलाल रामनारायण शंकरलाल राठी के द्वारा होगा। इस सत्कार्य की प्रेरणा देने का श्रेय तपोमूर्ति ब्रह्मचारी कान्तानन्दजी को है।
-एक गायत्री-प्रेमी
महोबा (उ.प्र.) में कार्तिक बदी 13-14 को महिलाओं की अखण्ड रामायण हुई और अमावस्या को महिलाओं का सामूहिक यज्ञ हुआ। इससे उत्साहित होकर “श्री गायत्री महिला-मण्डल” की स्थापना की गई है जिसका कार्यक्रम प्रति रविवार को हुआ करेगा।
-मन्त्री, गायत्री शाखा
रलीयाणा (सौराष्ट्र) में गुजराज के नवीन वर्ष के उपलक्ष में ग्राम की जनता के साथ गायत्री माता की आरती बड़े समारोह से की गई।
-मन्त्री, श्री गायत्री मण्डल
नियाना (वाराँ जि. कोटा) में पं. श्रीकृष्णजी की प्रेरणा से ता. 4 से 7 नवम्बर तक 21 कुण्डों का विशाल गायत्री यज्ञ किया गया, जिसमें गायत्री तपोभूमि (मथुरा) के ब्रह्मचारी कृपाशंकर त्रिपाठी ने स्वामी प्रेमानन्दजी के प्रभावशाली भाषण प्रतिदिन होते रहे। जलसे में लगभग 6000 जनता ने भाग लिया। श्री रामनाथ जी दीगोदिया व रंगलालजी पटेल ने सराहनीय कार्य व परिश्रम किया और इस प्रकार जनता को गायत्री जप व यज्ञ करने के लिए उत्साहित किया गया। ब्रह्म-भोज में 6 हजार व्यक्ति सम्मिलित थे। प्रसाद में पुस्तकें वितरण की गई।
-शान्तिलाल पटवारी एवं रामेश्वर
इन्दौर (म.भा.) में ता. 3 नवम्बर को 1600 आहुतियों का सामूहिक हवन किया गया, जिसमें पर्याप्त संख्या में गायत्री-प्रेमियों ने भाग लिया।
-सत्यनारायण तिवारी
बम्हनी बाजार (बिलासपुर) में दुर्गावती के मन्दिर पर नवरात्रि का जप व हवन किया गया। दशमी को अखण्ड कीर्तन भी हुआ। इस बीच अखण्ड रामायण का पाठ हुआ और अखण्ड-ज्योति जलती रही। यज्ञ कार्य पं. रामनारायनजी दुबे ने कराया और जप में श्री गणेशप्रसादजी अवस्थी ने भाग लिया। अवस्थीजी के ही विशेष प्रयास से दुर्गादेवी पर पशु-बलि की प्रथा का अन्त हो सका है।
ता. 15 अक्टूबर को आरम्भ से ही श्री विद्याप्रसाद जी मिश्र व शिवकुमारजी शर्मा, चाँपा शाखा से मुकुन्दनारायणजी और अन्य 11 शाखाओं के मन्त्रीगण भी एकत्रित हुए थे। राम-जानकी के मन्दिर के पास मिश्रजी का प्रवचन हुआ जिसमें यज्ञ का महात्म्य समझाया गया और आरंग में होने वाले प्रान्तीय गायत्री महायज्ञ को सफल बनाने के सम्बन्ध में परामर्श किया गया।
-मोहनलाल गुप्ता
मुर्थर (पो. अहारन जिला आगरा) में शान्ति-सदन एक सुरम्य स्थल है जहाँ 60 वर्षों से प्रत्येक अमावस्या को नियमित रूप से यज्ञ हो रहा है और स्थानीय जनता उसमें भाग लेती रहती है। इसके संस्थापक स्व. वासदुवजी थे जो एक कर्मनिष्ठ प्रकाण्ड पंडित थे। वर्तमान समय में उनके पुत्र श्री देवेन्द्रदेवजी शास्त्री इस कार्य का संचालन कर रहे हैं। गत चैत मास में यह आश्रम ‘गायत्री’ तपोभूमि की शाखा के रूप में घोषित कर दिया गया है और श्रद्धेय आचार्य श्रीरामजी शर्मा के उपदेशानुसार सदस्य बनाये जा रहे हैं। इस समय तक 24 सदस्य हैं जो नित्यप्रति दस माला का जप करते हैं। इनका शताँश यज्ञ अमावस्या को होता है।
-लक्ष्मीशरण शर्मा
दिगौड़ा (टीकमगढ़) में चन्द्र-ग्रहण के अवसर पर 7 नवम्बर को अम्बिकाजी के स्थान पर 24 घण्टे का अखण्ड-कीर्तन, 24 हजार जप व 240 चालीसा पाठ किये गये। एक हजार आहुतियों का हवन किया गया। प्रीति-भोज में 100 व्यक्तियों ने भाग लिया, जिसमें श्री अर्जुनसिंह ने विशेष ध्यान दिया। शाखा गणेश गंज के मन्त्री श्रीजगतराम पस्तोर तथा शाखा कदवाँ के श्री रामसेवन वटैरिया भी सम्मिलित थे। गायत्री-साहित्य वितरण किया गया।
-बैजनाथप्रसाद सौनकिया
गरोठ (म.प्र.) के समीप शंखोद्धार के मेले में चन्योर वालों के पाँच कुण्डों में हवन किया गया। गरोठ के 40 गायत्री-उपासकों व प्रतिष्ठित लोगों ने भाग लिया। सामूहिक जप, कीर्तन, चालीसा पाठ और भजन रात भर होते रहे। हवन में 100 पुरुषों और 20 माताओं ने भाग लिया। ब्रह्म-भोज भी किया गया।
-हरीराम
गोलवा, हरीगढ़, पनवाड़, दहीखेड़ा की शाखाओं का निरीक्षण किया गया। इन सबकी सदस्य-संख्या संतोषजनक है और कार्यक्रम साधारण रूप से रहा है। गोलवा में श्री जगदीशप्रसाद जी के प्रयत्न से पशुबलि बन्द कराने में सफलता प्राप्त हुई। दहीखेड़ा के नैष्ठिक सदस्य श्री सुन्दरलालजी के यहाँ दुकान से चोरी हो गई। पर गायत्री माता का आश्रय लेने से सारा माल दूसरे ही दिन बरामद हो गया।
-नाथूलाल शर्मा
नवाबगंज (बरेली) में गायत्री-परिवार द्वारा आयोजित 24 लक्ष जप तथा 9 कुण्डों में सवा लक्ष आहुति का विशाल यज्ञ समारोहपूर्वक सम्पन्न हो गया। तपोभूमि मथुरा से स्वामी ब्रह्मस्वरूपजी व पं. ज्वालाप्रसादजी ने पहले से पधार कर यज्ञ कार्य सम्पन्न कराया। 26 अक्टूबर को तपोभूमि के संचालक पं. श्रीराम शर्मा व स्वामी प्रेमानन्दजी पधारे जिनका स्वागत बरेली जंक्शन पर श्री चमनलाल सूरी ने किया। नवाबगंज में आपका जुलूस अत्यन्त विशाल और बहुत ही दर्शनीय था। यज्ञ को सफल बनाने में श्री श्याममनोहर कपूर, श्री रामनारायण मेहरोत्रा, पं. भगवानस्वरूप शुक्ल, श्रीमती चमेलीदेवी पाठक, श्री सीताराम मिश्र, श्री रामस्वरूप अवस्थी, श्री जमुनाप्रसाद, श्री घासीराम, श्री मंगलदत्त त्रिपाठी, कु. कुसुम मेहरोत्रा आदि महानुभावों ने पूर्ण सहयोग व परिश्रम किया। 151/-का गायत्री-साहित्य बाँटा गया।
-रामभिलाष त्रिपाठी
हड़हा (हरदोई) में अशुभ ग्रहों की शाँति के लिए रामायण का पाठ व सामूहिक गायत्री मन्त्र द्वारा यज्ञ हुआ। 24 हजार का एक पुरश्चरण भी किया गया। कन्याओं को भोजन कराया गया।
-रामाश्रय त्रिपाठी
निगोही (शाहजहाँपुर) में पं. तोताराम मिश्र के यहाँ 5 हजार आहुतियों का सामूहिक हवन किया गया, जिसमें उपासकों और दर्शकों का उत्साह प्रशंसनीय था। कन्याओं और ब्राह्मणों को भोजन कराया गया। इसी प्रकार ग्राम इजरापुर में श्री मोहनलालजी के यहाँ यज्ञ कराया गया जिसमें बहुसंख्यक ग्रामवासियों ने भाग लिया। ब्रह्म-भोज कराया गया।
-नत्थूलाल (यज्ञदेव) शर्मा
कानपुर के हरीहरनाथ शास्त्री नगर में श्री राधेश्यामजी शर्मा के निवास-स्थान पर सामूहिक यज्ञ सम्पन्न हुआ जिसमें 35 सदस्यों ने भाग लिया। प्रसाद वितरण किया गया और सब सदस्यों का फोटो खींचा गया।
- अयोध्या प्रसाद दीक्षित
भावनगर (सौराष्ट्र) में कार्तिक सुदी 10 को श्री जादवजी शिवजी ठक्कर के गायत्री भवन में चार मास से चल रहे गायत्री-महायज्ञ की पूर्णाहुति हुई। सौराष्ट्र की अनेक शाखाओं के सदस्य वहाँ आये थे। मथुरा से आचार्यजी भी पधारे थे। नगर के प्रायः सभी सम्भ्रान्त सज्जन उस पूर्णाहुति का यज्ञ-प्रसाद लेने आये। आयोजन सब प्रकार सफल रहा।
-वी.पी. जोशी
क्ढार (एटा) में श्री शंकरलालजी वैद्य के यहाँ 5 कुण्डों का गायत्री यज्ञ बहुत ही सफल रहा। गाँव की जनता ने पूरे उत्साह से भाग लिया। आगे यहाँ 51 कुण्डों का बड़ा यज्ञ होने की तैयारी हो रही है।
-चुन्नीलाल मन्त्री
जिरौली (अलीगढ़) में श्री महात्मा यज्ञानन्दजी महाराज की धर्मशाला पर 9 कुण्डों में सवा लक्ष आहुतियों का यज्ञ बहुत ही सफल रहा। आस-पास से सभी गाँवों की जनता भारी संख्या में आई थी। मथुरा से आचार्यजी तथा माताजी भी पधारी थीं। हाथी पर उनका जुलूस निकाला गया। स्वामी ब्रह्मस्वरूप जी तथा ज्वालाप्रसादजी आचार्य ने यज्ञ-कार्य सम्पन्न कराया।
- केदारनाथ गुप्त
चन्दन पुखरिया, राठ (हमीरपुर) में ता. 24, 15, 16 दिसम्बर को गायत्री महायज्ञ होगा।
-रघुबरदयाल शर्मा
मझोला (नैनीताल) 7, 8 दिसम्बर को 5 कुण्डों की यज्ञशाला में गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया है।
-लक्ष्मणसिंह मनराल
खेड़ा (बुलढाला) में श्रीकिसन बाघमारे और पुण्डलीक पटील के प्रयत्न से कार्तिक सुदी 15 को जप व हवन का आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
-मन्त्री गायत्री शाखा
छिदगाँव स्टेशन (सिवनी) में चन्द्रग्रहण के अवसर पर 24 घण्टे का रामायण का परायण व हवन किया गया, जिसमें समस्त जनता ने सप्रेम भाग लिया।
-ठाकुर सुन्दरलाल वट्टी
जिला बरेली, बदायूँ, पीलीभीत, शाहजहाँपुर, हरदोई, मुरादाबाद, अलीगढ़, बुलन्दशहर, सीतापुर, रामपुर, नैनीताल, खीरी लखीमपुर व लखनऊ के शाखा मन्त्रियों की जो मीटिंग 10 नवम्बर को बरेली में आयोजित की गई थी वह सफलतापूर्वक हो गई। इसमें ‘उपकेन्द्रीय गायत्री-परिवार’ के नाम से संगठन बनाया गया है जिसका कार्य इन जिलों में गायत्री-परिवार’ और यज्ञों के कार्य को सुसंगठित रूप में अग्रसर करना होगा। पदाधिकारियों में श्री चमनलाल सूरी सभापति, श्री मदनमोहन शुक्ल उपसभापति, श्री रामभिलाष त्रिपाठी मन्त्री, श्री लक्ष्मण सिंहजी मनराल उपमन्त्री, श्री महावीरप्रसादजी गुप्त कोषाध्यक्ष, श्री लक्ष्मीनारायणजी मेहरोत्रा उपकोषाध्यक्ष, श्री गायत्रीप्रसाद निरीक्षक चुने गये।
-चमनलाल सूरी
करसरा (मैहर, म.प्र.) में 9 सदस्यों द्वारा रामचरित मानस का अखण्ड पाठ किया गया व 5009 आहुतियों का हवन किया गया। 5 सदस्यों ने नमक त्याग कर 24 हजार का अनुष्ठान किया।
-जगदीशप्रसाद भट्ट
खपरिया (सिवनी मालवा, म.प्र.) में गाडरिया ग्राम के पटैल श्री हरनारायणजी के यहाँ सामूहिक यज्ञ किया गया जिसमें सिवनी, खपरिया, भिलड़िया, राजेरा, कोठरा, पगढाल, चतरखेड़ा, निरखी आदि स्थानों के गायत्री प्रेमी सदस्यों ने भाग लिया। 24 हजार आहुतियाँ डाली गयीं तथा आरती और प्रसाद वितरण किया गया। अधिकाँश सदस्य दस-दस मील चलकर इस समारोह में सम्मिलित हुए, जो उनके उत्साह का परिचायक है।
-रामगोपाल तिवारी
नंदुरा (बरार) में 24 हजार आहुतियों के गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया है। -रामेश्वरदयाल शर्मा
डबरा (म.प्र.) में ता. 14 नवम्बर को श्री रामरतन नाकेदार और 16 को श्री ओम्प्रकाशजी के स्थानों पर सामूहिक गायत्री-यज्ञ किये गये। दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में महायज्ञ का आयोजन किया गया है।
-जमुनाप्रसाद
पिटोल में चन्द्रग्रहण के अवसर पर श्री त्रिपाठीजी व सीसोदियाजी की ओर से रामायण का परायण और दौलतरामजी नागर के उत्साह से लघु अनुष्ठान व सामूहिक यज्ञ का कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
-गेंदालाल वर्मा
मणिनगर नं. 8, अमदाबाद में 101 यज्ञ-कुण्डों का विशाल गायत्री महायज्ञ होगा समस्त गायत्री-भक्तों को उसमें सप्रेम निमन्त्रित किया जाता है। यज्ञ की तिथियाँ शीघ्र ही सूचित की जायेंगी।
-मिश्रीलाल कन्हैयालाल जोशी
सटई (छतरपुर म.प्र.) में गायत्री उपासकों ने नवरात्रि के अवसर पर पूर्ण श्रद्धा और उत्साह के साथ जप व हवन का कार्यक्रम पूरा किया। ग्राम की जनता ने भी सहयोग दिया।
-शिवप्रसाद पाठक
अटरु (कोटा) में 5 कुण्डों में 24 हजार आहुतियों का सामूहिक गायत्री महायज्ञ सफलतापूर्वक हो गया। श्री शम्भुसिंहजी व स्वामी ओमारानन्दजी के प्रभावशाली प्रवचन हुए पं. छोटेलालजी ने धार्मिक सिनेमा का प्रदर्शन किया। पूर्णाहुति में 4-5 हजार जनता ने भाग लिया।
-मोहनचन्द्र पारीक
सीसवाली (कोटा) में साप्ताहिक आयोजन समारोह व उत्साह से हो रहे हैं। ता. को माँगीलालजी गोठानियाँ, ता. जी व्यास के यहाँ सामूहिक आयोजन हवन भी निरन्तर होती है।
अहमदाबाद की मणिनगर बस्ती में साढ़े बारह लाख जप व 6 हजार चालीसा पाठ का सामूहिक अनुष्ठान बड़े समारोह से हुआ। काफी जप किया गया।
-मिश्रीलाल कन्हैयालाल
सागर (म.प्र.) में नवरात्रि का यज्ञ बड़े धूमधाम से हुआ। यज्ञशाला की सजावट देखने योग्य थी। लाउडस्पीकर से समारोह का प्रसार किया गया। 25 कन्याओं को भोजन कराया गया। हवन के लिए स्थान श्री कन्छेदीलाल ने दिया था।
-अयोध्या प्रसाद
तलवाड़ा (धार) में कार्तिक सुदी 5 से बाल्मीकीय रामायण का प्रवचन कराया गया। दिन तक 48 हजार आहुतियों का विशाल हवन कराया गया। पूर्णाहुति, ब्राह्मण-भोज व दर्शकों का भोजन 13 को सम्पन्न हुआ। यज्ञ कार्य श्री प्रभाशंकरजी पाठक द्वारा सम्पन्न हुआ।
-रामलाल
सागोनभाड़ी (उड़ीसा) में चंद्रग्रहण के अवसर पर जप व हवन का आयोजन किया गया।
-विनायक
बोरदा (झालावाड़) में सामूहिक किया गया जिसमें कई सदस्यों ने भाग लिया।
चमत्कार को नमस्कार
गायत्री परिवार के जो उत्साही सदस्य हवन के कार्यक्रम में अपना समय और सहयोग कर संस्था के कार्य को अग्रसर कर रहे हैं। कुछ के चित्र इस अंक में दिये जा रहे हैं। इस प्रकार जो अपने अमूल्य समय को इसमें लगा रहे हैं वे निस्सन्देह प्रशंसा के योग्य हैं।
*समाप्त*