Magazine - Year 1975 - Version 2
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Language: HINDI
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स्नेह और सहयोग भरी पितर आत्माएँ
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मरण समय में विक्षुब्ध मनःस्थिति लेकर करने वाले अक्सर भूत−प्रेत की योनि भुगतते हैं, पर कई बार सद्भाव संपन्न आत्माएँ भी शान्ति और सुरक्षा के सदुद्देश्य लेकर अपने जीवन भर सम्बन्धित व्यक्ति यों को सहायता देते—परिस्थितियों को संभालते तथा प्रिय वस्तुओं की सुरक्षा के लिए अपने अस्तित्व का परिचय देते रहते हैं। ऐसी आत्माएं ‘पितर’ कहलाती हैं। पितृवत् स्नेह, दुलार और सहयोग देना भर उनका कार्य होता है। सुकरात को—विक्रमादित्य को ऐसी ही दिव्य आत्माओं का सहयोग प्राप्त बताया जाता है और वे उनके सहारे कई प्रकार की अदृश्य सुविधाएँ प्राप्त करते थे।
अमेरिका के राष्ट्रपति भवन में समय−समय पर जिन पितरों के अस्तित्व अनुभव में आते रहते हैं उनके आधार पर यह मान्यता बन गई है कि वहाँ पिछले कई राष्ट्रपतियों की प्रेतात्माएँ डेरा डाले पड़ी हैं। इनमें अधिक बार अपने अस्तित्व का परिचय देने वाली आत्मा अब्राहमलिंकन की है।
राष्ट्रपति टूमैन ने एक टेलीविजन वार्ता पर अपनी बेटी को बताया कि एक रात तीन बजे के करीब किसी ने जोर से दरवाजा खटखटाया। मैं उठा और दरवाजा खोला तो कोई तेज कदम बढ़ता हुआ दूसरी ओर चला गया। पीछा करने पर भी उसे पकड़ा न जा सका। उनकी पत्नी ने भी कई बार लिंकन का प्रेत खिड़की के पास खड़े होकर बरजीनियाँ की पहाड़ियों को देखते हुए पाया है।
लिंकन स्वयं प्रेतवाद पर बहुत विश्वास करते थे। इसके उन्हें कई अनुभव भी थे। उन्होंने अपनी मृत्यु पूर्वाभास का सपना अपने परिवार और मित्र मण्डली को कई बार सुना दिया था और वह अन्ततः सच होकर रहा। लिंकन ने एक दिन सपना देखा—वे राष्ट्रपति भवन में अपनी जगह सोये हुए हैं—पास के कमरे से रोने की आवाज आ रही है—वे उठकर जाते हैं−देखते हैं कि एक लाश सुसज्जित रूप से अन्तिष्ठ कर्म के लिए तैयार की जा रही है—उसका उपस्थित अफसर लोग शाही सत्कार के साथ वन्दन कर रहे हैं—लिंकन पूछते हैं—राष्ट्रपति भवन में यह कौन मर गया—एक अफसर जवाब देता है—यह राष्ट्रपति लिंकन हैं उनकी हत्या कर दी गई है। सपना उनकी निकट भविष्य में होने वाली मृत्यु सूचना का स्पष्ट आभास था।
राष्ट्रपति भवन में और भी कई आत्माओं के अस्तित्व पाये गये हैं। राष्ट्रपति एडम्स ने अपनी मृत पत्नी को बगल के कमरे में कपड़े सँभालते हुए देखा था।
राष्ट्रपति जैक्सन को अक्सर ठहाका मारकर हँसते हुए सुना जाता था। कई नौकर डरकर नौकरी छोड़ गये थे और कई संभ्रांत अतिथियों ने उस महल में प्रेतात्माओं द्वारा की गई छेड़खानी का विवरण बताकर अपना बिस्तर अन्यत्र ले जाने का प्रबन्ध किया था।
राष्ट्रपति मेडीसन की मृत पत्नी अपने हाथ के लगाये गये गुलाबों को बहुत प्यार करती थीं और उनके रख रखाव के बारे में मालियों को कई तरह के परामर्श देती थी।
प्रेतात्माएं क्या हो सकती हैं इस संदर्भ में कई तरह की विवेचनाएँ की जाती रहती हैं। नवीनतम वैज्ञानिक ऊहापोह में ‘एक्ट्रोप्लाज्म’ नामक तत्व के साथ जुड़ी हुई जीव चेतना के रूप में निरूपित किया गया है।
सर आर्थर कानन डायल ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘शर लाक होम्स’ में प्रेतलोक को एक अपनी जैसी दुनिया के रूप में ही प्रतिपादित किया है और कहा है कि जिस प्रकार हम शरीरधारियों की एक जीवनयापन पद्धति है वैसी ही अदृश्य प्राणी भी अपनी दुनिया में अपने ढंग से गुजारा करते हैं। उनमें से बहुत से हम दृश्य प्राणियों के साथ सम्बन्ध रखने के भी इच्छुक होते हैं।