Magazine - Year 1988 - Version 2
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Language: HINDI
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खँडहर में विचरता (Kahani)
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बिहार प्रान्त में हमतपुर नाम की कभी बहुत शानदार रियासत थी। अब तो उसके ध्वंसावशेष ही रह गये हैं। इन खँडहरों में से कभी-कभी एक क्षीण काया वाले साधु की मूर्ति आसमान में उड़ती दिखाई पड़ती है और भीतर प्रवेश करने पर यह भी प्रतीत होती है कि इसमें कोई आदमी रहता है। पानी का भरा घड़ा, बुहारी, मटका आदि वस्तुएँ न जाने किसके लिए इकट्ठी हुई है।
कहते हैं कि एक राजा साहब सिंहासनारूढ़ थे तब उनकी प्रेरणा से उस साधु ने तांबे से सोना बनाने का प्रयोग किया था पूरा होने से पूर्व ही वह गलती से कढ़ाव में गिर कर प्राण गँवा बैठा था। साधु की आत्मा को इस असफलता पर बड़ा क्लेश हुआ। वह अभी तक प्रेत रूप में उस खँडहर में विचरता देखा जाता हैं।