Books - राम का नाम ही नहीं, काम भी
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
फिर होना चाहिए कायाकल्प
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
अंगुलिमाल डाकू का नाम आपने सुना होगा? वह बहुत खराब आदमी था और महात्मा बुद्ध को मारने के लिए गया था। लेकिन बाद में क्या हुआ? फिर कुछ ऐसा हुआ कि बुद्ध भगवान से बौद्ध धर्म की दीक्षा लेने के बाद में अंगुलिमाल डाकू संत हो गया, ऋषि हो गया। फिर कहाँ चला गया था? बुद्ध भगवान ने उसे हिंदुस्तान के बाहर काम करने के लिए भेजा था। उसकी प्रतिभा और क्षमता को देखकर उन्होंने उसे इंडोनेशिया भेज दिया। इंडोनेशिया से लेकर जावा, मलाया होते हुए वह सिंगापुर गया था। बहराइच जिले से चलने के बाद अंगुलिमाल बाईस साल तक इन देशों के सारे के सारे इलाकों में बौद्ध धर्म का प्रचार संत बनकर के करता रहा। क्यों साहब! एक बात बताइए कि जब वह संत था तो फिर कभी-कभी डकैती जरूर डालता रहा होगा? नहीं भाई साहब! ऐसी बात नहीं है। नहीं साहब! आपको मालूम नहीं है। दिन में तो वह भजन करता होगा और रात में डकैती करता होगा। कैसे? जैसे आप करते हैं। हाँ भाई साहब! हम तो ऐसा ही करते हैं। आप क्या करते हैं? जब हम जप करने के लिए बैठ जाते हैं, तब आप हमारी शीशे में शक्ल देखें तो ऐसा मालूम पड़ेगा कि कोई महात्मा बैठा है, ऋषि बैठा है और जब हम माला छोड़कर बाहर निकलते हैं, कमरे से बाहर निकलते हैं, तब आप हमारी शक्ल देखिए साक्षात शैतान हमारे ऊपर सवार हो जाता है।