Books - शिक्षा व्यवस्था कैसी हो?
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Language: HINDI
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शिक्षा व्यवस्था कैसी हो?
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गायत्री मंत्र हमारे साथ-साथ—
ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
देवियो! भाइयो!!
शिक्षा को दूसरी आँख कहा गया है। एक आँख तो वे हैं, चमड़े की, जिनसे हमको सामने वाली चीजें दिखाई पड़ती हैं, लेकिन शिक्षा वह वस्तु है जो सामने से दिखाई नहीं पड़ती है और जो आसपास के वातावरण में नहीं है उन चीजों को भी हम देख सकते हैं। पुस्तकों के माध्यम से, जानकारियों के माध्यम से, इतिहास के माध्यम से, हम अतीतकाल को, भूत को देख और समझ सकते हैं और भविष्य की संभावनाएँ वर्तमान की समस्याएँ सारी दुनिया में कहाँ क्या हो रहा है, दुनिया भर का क्या स्वरूप है, इन सब बातों को जानने के लिए शिक्षा की नितांत आवश्यकता है। शिक्षा न हो तो उसे सिर्फ ये कहा जा सकता है कि उसके दो आँखों में से एक आँख है। वह सिर्फ सामने के और आसपास की चीजों को ही देख सकता है। न उनको भूतकाल समझ में आता है, न इतिहास समझ में आता है। न ये सारी विश्व की समस्याएँ समझ में आती हैं। बिना पढ़े और बिना जाने इतनी जानकारी कैसे हो सकती है। आदमी संकीर्ण ही बना रहेगा। छोटे दायरे में कूपमण्डूक बना रहेगा और आस-पास की दुनिया को ही सारी दुनिया मानता रहेगा। शिक्षा बौद्धिक विकास के लिए शिक्षा मनुष्य में सभ्यता की स्थापना करने के लिए शिक्षा मनुष्य को जीविका का ठीक तरीके से उपार्जन कर सकने के लिए अनेक दृष्टियों से, किसी भी दृष्टि से देखा जाए शिक्षा की नितांत आवश्यकता है।
शिक्षा का जितना ज्यादा संभव हो सके विस्तार करना चाहिए। जिस आदमी के पास शिक्षा नहीं है अर्थात पढ़ा-लिखा नहीं है वह पढ़ नहीं सकता लिख नहीं सकता। उसको हम एक तरीके से अज्ञानी कहें तो कोई हर्ज की बात नहीं है। मनुष्य के ज्ञान के दरवाजे खोलने के लिए शिक्षा की आवश्यकता है। दुर्भाग्य की बात है कि हमारा देश बड़ी संख्या में बिना पढ़ी का देश है जबकि दुनिया का कोई भी देश इतना अशिक्षित और अनपढ़ नहीं है। सारी दुनिया में शिक्षित ही शिक्षित लोग पाए जाते हैं जबकि हमारे देश में बहुत अधिक लोग हैं इनको अनेक तरह की चेतना देने की जरूरत है। शारीरिक ज्ञान, मानसिक ज्ञान, पारिवारिक ज्ञान, राष्ट्रीय ज्ञान, नैतिक ज्ञान, धार्मिक ज्ञान ये दिमागी सूनापन दूर करने के लिए ही बताया जाता है। आदमी को इनके लिए पढ़ना पड़ेगा। कोई भी आदमी इतना सारा जीवन संबंधी ज्ञान और सामयिक समस्याओं के बारे में जानकारी सिवाय साहित्य के सिवाय पुस्तकों के सिवाय पत्र-पत्रिकाओं के कैसे प्राप्त कर सकता है? इनको पढ़ने के लिए आदमी के पास शिक्षा का होना आवश्यक है।