Books - शिक्षा व्यवस्था कैसी हो?
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Language: HINDI
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आवश्यक विषय ही पढ़ाए जाएँ
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ज्योमेट्री की हर आदमी को क्या आवश्यकता पड़ती है। जरा बताइए न, ओवरसीयर को पड़ सकती है, इंजीनियर को पड़ सकती है पर हर बच्चे को ज्योमेट्री पढ़नी पड़े इसकी कोई तुक है? ऐसे तो बहुत से विषय हैं जिन्हें कहा जाए यह भी जरूरी होता है तो जमीन खोदने से लेकर के और आसमान में तारे-सितारे गिनने तक सब पढ़ता रहे, तो सौ जन्म में भी शिक्षा पूरी नहीं हो पाएगी। बच्चों के ऊपर उतना अनावश्यक भार नहीं डालना चाहिए जो जीवन में काम नहीं आता है। जीवन में काम आने वाले ज्ञान को सर्वसाधारण के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए और जो विशेष विषय के विशेषज्ञ बनना चाहते हैं उनके शिक्षण की अलग व्यवस्था हो।
जैसे कि मान लीजिए ग्रह-नक्षत्रों के चाल के बारे में कोई बच्चा रुचि रखता है या अन्य विदेशी भाषा के बारे में उसको कोई ज्ञान है, इच्छा है, उसके लिए अलग से शिक्षण किया जाए? सारे बच्चों पर भार क्यों डाला जाए। शिक्षा की व्यवस्था में प्रत्येक के लिए आवश्यक है कि व्यावहारिक जीवन नहीं आन्तरिक जीवन जो कि मनुष्य का वास्तविक जीवन है, उसको कैसे जिया जाए इसका परिपूर्ण शिक्षण किया जाना चाहिए।
जैसे कि मान लीजिए ग्रह-नक्षत्रों के चाल के बारे में कोई बच्चा रुचि रखता है या अन्य विदेशी भाषा के बारे में उसको कोई ज्ञान है, इच्छा है, उसके लिए अलग से शिक्षण किया जाए? सारे बच्चों पर भार क्यों डाला जाए। शिक्षा की व्यवस्था में प्रत्येक के लिए आवश्यक है कि व्यावहारिक जीवन नहीं आन्तरिक जीवन जो कि मनुष्य का वास्तविक जीवन है, उसको कैसे जिया जाए इसका परिपूर्ण शिक्षण किया जाना चाहिए।