Books - शिक्षा व्यवस्था कैसी हो?
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Language: HINDI
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व्यर्थ का ऐतिहासिक शिक्षण
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व्यर्थ का ऐतिहासिक शिक्षण जैसे इतिहास को लीजिए। इतिहास में हमको राजाओं का इतिहास पढ़ाया जाता है। कौन सा राजा हुआ, अकबर बादशाह हुआ, बाबर हुआ, हुमायूँ बादशाह हुआ, औरंगजेब हुआ और लार्ड क्लायड आया। क्या मतलब है इनका? ये कहानी एक आधा घंटे में समझाई जा सकती है। इसी तरीके से मुसलमान आए उसके बाद दूसरा आया, तीसरा बैठा, चौथा बैठा, मारकाट मचाई, राज किया और भाग गए और मर गए इससे क्या बनता है और क्या नहीं बनता, इससे क्या लाभ है और क्या हानि।
यदि इतिहास पढ़ाया जाना हो, तो उस जमाने की परिस्थितियों में परिवर्तन किस तरह से हुआ और उन परिस्थितियों में हेर-फेर क्यों हुआ विदेशी शासकों के आने का क्या कारण था और शासन व्यवस्था में क्या चूक हुई और जनता से क्या चूक हुई? इस तरह का विश्लेषणात्मक शिक्षण दिया जाए जिससे कि आदमी परिस्थितियों के हेर-फेर के बारे में थोड़ा जान सके तब तो बात समझ में आती है। हमने भूतकाल का शिक्षण प्राप्त करने के लिए इतिहास पढ़ा और इस तरह के इतिहास का शिक्षण जरा समझ नहीं आता, क्योंकि इसका मतलब बच्चों के सिर के ऊपर अनावश्यक भार डालने के बराबर है।
यदि इतिहास पढ़ाया जाना हो, तो उस जमाने की परिस्थितियों में परिवर्तन किस तरह से हुआ और उन परिस्थितियों में हेर-फेर क्यों हुआ विदेशी शासकों के आने का क्या कारण था और शासन व्यवस्था में क्या चूक हुई और जनता से क्या चूक हुई? इस तरह का विश्लेषणात्मक शिक्षण दिया जाए जिससे कि आदमी परिस्थितियों के हेर-फेर के बारे में थोड़ा जान सके तब तो बात समझ में आती है। हमने भूतकाल का शिक्षण प्राप्त करने के लिए इतिहास पढ़ा और इस तरह के इतिहास का शिक्षण जरा समझ नहीं आता, क्योंकि इसका मतलब बच्चों के सिर के ऊपर अनावश्यक भार डालने के बराबर है।