Books - विचार-क्रांति ही एकमात्र उपचार
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Language: HINDI
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रुचि जाग्रत करनी होगी
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हमारा पहला काम लोगों की मनःस्थिति के अनुसार पुस्तक पढ़ाना नहीं है, वरन पहला काम उनकी रुचि को जाग्रत करना है। इसके लिए घर-घर जाना पड़ेगा। विचारों की उपयोगिता, विचारों का मनुष्य के जीवन पर प्रभाव और विचारों का नैतिक और राष्ट्रीय जीवन पर प्रभाव आदि बहुत कुछ हमको उन्हें सिखाना तथा समझाना पड़ेगा और शुरुआत करनी पड़ेगी, ताकि आदमी की समझ में यह आ जाए कि विचारों का भी कोई मूल्य होता है। सही विचार करना आ जाए तो हम अपनी आन्तरिक और बाह्य जीवन की समस्याओं का समाधान करने में समर्थ हो सकते हैं।
इसके लिए घर-घर जाना पड़ेगा, बहस करनी पड़ेगी और समझाना पड़ेगा, रुचि पैदा करनी पड़ेगी। वोट माँगने के लिए जिस तरीके से चालाकियाँ इस्तेमाल की जाती हैं, खुशामदें की जाती हैं, उसी चालाकी और खुशामद के साथ-साथ हमें घर-घर, जन-जन के पास जाना पड़ेगा। अगर हम ऐसा नहीं कर सकते हैं तो लोकरुचि की ओर नहीं जाया जा सकता। लोकरुचि नहीं जगाई जा सकती तो साहित्य की क्या कीमत, लाइब्रेरी की क्या कीमत? पुस्तकें छापकर रखते चले जाइए या कोई आदमी खरीद लाए और एक लाइब्रेरी खोल दे तो उसे दीमक खाएगी, चूहे खा जाएँगे। इससे क्या बनने वाला है?
इसके लिए घर-घर जाना पड़ेगा, बहस करनी पड़ेगी और समझाना पड़ेगा, रुचि पैदा करनी पड़ेगी। वोट माँगने के लिए जिस तरीके से चालाकियाँ इस्तेमाल की जाती हैं, खुशामदें की जाती हैं, उसी चालाकी और खुशामद के साथ-साथ हमें घर-घर, जन-जन के पास जाना पड़ेगा। अगर हम ऐसा नहीं कर सकते हैं तो लोकरुचि की ओर नहीं जाया जा सकता। लोकरुचि नहीं जगाई जा सकती तो साहित्य की क्या कीमत, लाइब्रेरी की क्या कीमत? पुस्तकें छापकर रखते चले जाइए या कोई आदमी खरीद लाए और एक लाइब्रेरी खोल दे तो उसे दीमक खाएगी, चूहे खा जाएँगे। इससे क्या बनने वाला है?