छत्तीसगढ़ में नये युवाओं को गढ़ने का सशक्त माध्यम बना आवासीय व्यक्तित्व निर्माण युवा शिविर
13 जिलों के 27 स्थानों में सम्पन्न हुए शिविर
प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ छत्तीसगढ़ ने इस वर्ष ग्रीष्मकाल में 13 जिलों के 27 स्थानों पर छ: दिवसीय व्यक्ति निर्माण आवासीय युवा शिविरों का आयोजन किया। इनमें पूरे प्रदेश के 2638 युवक-युवतियों ने भाग लिया। लगभग 70% युवा गायत्री परिवार के बाहर के होते की कक्षा हुई, डॉक्यूमेण्ट्री फिल्म का प्रदर्शन थे, जो परम पूज्य गुरूदेव के विचारों से बहुत प्रभावित हुए। उन्हें व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय जीवन में मानवोचित भूमिका का बोध कराया गया। सभी शिविरों में कुल मिलाकर 770 युवाओं ने गुरूदीक्षा लेकर आदर्शोन्मुख जीवन जीने और समाज के उत्थान के लिए समर्पित होने के संकल्प लिए। उन्हें मुख्य रूप से बाल संस्कार शाला, नशा मुक्ति आंदोलन, वृक्षारोपण जैसे रचनात्मक आन्दोलन चलाने के लिए प्रेरित किया गया। इन 27 शिविरों को सम्पन्न करने हेतु प्रदेश में पाँच सदस्यीय 6 टोलियों का गठन किया गया था। डॉ. कुंती साहू, सुश्री रूकमणी बंछोर, सुरेन्द्र गुप्ता, डी.आर. चौहान, चम्पेश्वर साहू, कुलदीप भारती, निखिल चंद्राकर, रोमा साहू, मीना ध्रुव ने इन टोलियों का नेतृत्व किया। सभी को प्रमाण पत्र एवं साहित्य प्रदान किया गया। अनेक स्थानों में क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों ने शिविर के उद्घाटन एवं समापन समारोहों में उपस्थित होकर प्रशिक्षणार्थी युवाओं को युग निर्माण की दिशाधारा में अग्रसर होने के प्रेरित किया। प्रशिक्षण के प्रमुख विषय कैरियर निर्माण क्यों और कैसे? सफलता के सूत्र, स्वास्थ्य रक्षा के अचूक उपाय, तनाव प्रबंधन, समय प्रबंधन, बुद्धि बढ़ाने की वैज्ञानिक विधि, ब्रह्मचर्य कितना आवश्यक?, संस्कारों का विज्ञान, गायत्री महाविज्ञान, व्यसन से बचाएँ -सृजन में लगायें, पर्यावरण का जागरण आदि।
नशामुक्ति की प्रबल प्रेरणा
शिविर में पावर पॉइंट के माध्यम से व्यसन मुक्ति की कक्षा हुई, डॉक्यूमेण्ट्री फिल्म का प्रदर्शन किया गया। प्रत्येक शिविर में शिविरार्थियों द्वारा व्यसन मुक्ति रैली निकालकर नशेड़ी व्यक्ति के प्रतीक मुर्दे का अंतिम संस्कार भी किया गया। इस बीच सैकड़ों युवाओं ने नशा
त्याग करने का संकल्प लिया।
यहाँ आयोजित हुए शिविर
गोरेला पैण्ड्रा मरवाही जिले में पेण्ड्रा; धमतरी जिले में नगरी, कुरूद एवं गुजरा; गरियाबंद जिले में गरियाबंद, देवभोग; बलरामपुर में बलरामपुर, राजपुर, वाइफनगर, कुसमी एवं शंकरगढ़; महासमुंद में बागबहरा; रायपुर में कुशालपुर, कांदुल, तिल्दा-नेवरा एवं आरंग; रायगढ़ में पुसौर एवं खरसिया; कांकेर में लोरमी एवं मुंगेली; बिलासपुर में खम्हरिया एवं बेलमुण्डी; कोरबा में कुसमुंडा; सुकुमा में कूकानार एवं दंतेवाड़ा जिले में बारसूर।