देव संस्कृति विश्वविद्यालय का 44वाँ ज्ञानदीक्षा समारोह
ज्ञानदीक्षा नवजीवन प्रदान करने वाला संस्कार है। - श्रद्धेय डॉ. प्रणव जी, कुलाधिपति देसंविवि
देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शान्तिकुञ्ज का 44वाँ ज्ञानदीक्षा समारोह 22 जुलाई 2024 को मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के उच्च शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री माननीय श्री धनसिंह रावत, शिष्ट अतिथि दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, देसंविवि के कुलपति श्री शरद पारधी, प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी की मुख्य उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। इसमें भारत के 15 राज्यों के नवप्रवेशी छात्र-छात्राएँ दीक्षित हुए। ज्ञानदीक्षा समारोह का शुभारंभ मंच पर उपस्थित गणमान्यों द्वारा दीप प्रज्वलन, तत्पश्चात् विश्वविद्यालय के कुलगीत गायन से हुआ। कुलपति श्री शरद पारधी ने स्वागत उद्बोधन दिया। शान्तिकुञ्ज के संस्कार प्रकोष्ठ प्रभारी श्री उदयकिशोर मिश्र एवं श्री रामावतार पाटीदार ने ज्ञानदीक्षा का वैदिक विधि-विधान सम्पन्न कराया। कुलाधिपति श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी ने कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़ते हुए नवप्रवेशी विद्यार्थियों को वैदिक सूत्रों के माध्यम से शिक्षा के उद्देश्य का बोध कराया, अनुशासन के पालन और वर्जनाओं से बचने के संकल्प कराए। समारोह के अंतिम चरण में मंचासीन गणमान्यों ने चयनित विद्यार्थियों को देसंविवि के प्रतीक चिह्न प्रदान किए। धन्वन्तरी, अनाहत आदि पत्रिकाओं का विमोचन किया। इस अवसर पर देसंविवि के कुलसचिव श्री बलदाऊ जी, समस्त आचार्यगण, शान्तिकुञ्ज परिवार के वरिष्ठ सदस्य तथा देश-विदेश से आये विद्यार्थी, उनके अभिभावक तथा पत्रकार बंधु उपस्थित रहे।