भारत की गौरवशाली परम्परा में एक ग्रहण है नशा : - आद. डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी
जयपुर के गायत्री वेदना निवारण केन्द्र में नशामुक्ति केन्द्र का शुभारंभ एवं शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में नवग्रह वाटिका का लोकार्पण्
जयपुर। राजस्थान
देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति और युवा मनीषी डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने कहा कि भारत सदा सौभाग्य की भूमि रहा है। भारत अवतारों का देश है। भारत ने सदा विश्व को दिशा दिखाने का कार्य किया। यह भी सत्य है कि भारत जागेगा, तभी विश्व जागेगा। डॉ. चिन्मय जी 26 सितम्बर को जयपुर में किरण पथ, मानसरोवर स्थित वेदना निवारण केन्द्र में आरंभ हुए नशा मुक्ति केन्द्र के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि देश की गौरवशाली परंपरा में कोई ग्रहण है तो वह है नशा। देश में करीब सोलह करोड़ लोग कोई न कोई नशा करते हैं। नशे से न केवल एक व्यक्ति, बल्कि पूरा परिवार और समाज प्रभावित होता है। नशा पूरे समाज को अंदर से खोखला कर देता है। आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने नशा मुक्ति केन्द्र का लोकार्पण करते हुए कहा कि यह केन्द्र लोगों को नशामुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करेगा। इस केन्द्र के माध्यम से नशा करने वालों को अपनी बुरी लत से मुक्ति मिले, ऐसी प्रार्थना भी उन्होंने भगवान से की। शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि के गायत्री वेदना निवारण केन्द्र पहुँचने पर गायत्री परिवार राजस्थान प्रांत के केन्द्रीय समन्वयक श्री गौरीशंकर सैनी, गायत्री परिवार राजस्थान के समन्वयक श्री ओम प्रकाश अग्रवाल, जयपुर उप जोन समन्वयक श्री सुशील कुमार शर्मा, श्री सतीश भाटी, डॉ. प्रशांत भारद्वाज, श्री संतोष शर्मा, श्री केदार शर्मा, गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ के मुख्य ट्रस्टी श्री धर्मसिंह राजावत सहित अन्य वरिष्ठ परिजनों ने राजस्थानी साफा पहनाकर और माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया।