शिक्षकों के लिए आयोजित हुई नैतिक शिक्षा कार्यशाला
२०० से अधिक शिक्षकों ने भाग लिया
‘‘स्वयं आदर्शों का साँचा बनें, विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को ढालें।’’ - प्रो. प्रमोद भटनागर, शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि
मोरबी। गुजरात : न्यू एरा स्कूल, मोरबी में 13 और 14 नवंबर के दिन दो दिवसीय नैतिक शिक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 200 अध्यापकों की भागीदारी रही। शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि प्रो. प्रमोद भटनागर और श्री आशीष सिंह इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता थे। यह कार्यशाला 7-8 सत्रों में सम्पन्न हुई। इनमें विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का सिंचन कैसे किया जाए? उन्हें वर्तमान समय के दुष्प्रभावों से कैसे बचाया जाए? विद्यार्थियों के जीवन में गीता संदेश कैसे उतारा जाए? जैसे अनेक विषयों पर विस्तृत चर्चाएँ हुइर्ं। प्रो. प्रमोद भटनागर ने परम पूज्य गुरूदेव के बताए सूत्रों की चर्चा करते हुए कहा कि यह स्पष्ट है कि विद्यार्थियों को नैतिक और आध्यात्मिक मार्ग पर प्रेरित करने के लिए शिक्षकों को स्वयं अपने जीवन से आदर्श प्रस्तुत करना होगा। उन्हें स्वयं साँचा बनकर उसमें विद्यार्थियों के व्यक्तित्व को ढालना होगा। इसके लिए उन्होंने शिक्षकों को स्वयं गायत्री उपासक बनने और परम पूज्य गुरूदेव के विचारों से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया।