Magazine - Year 1973 - Version 2
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Language: HINDI
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अपनों से अपनी बात
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गायत्री नगर में देव परिवार, बसाने की योजना, निश्चित रूप से अखण्ड-ज्योति परिवार के परिजनों को उपयुक्त समय पर उपयुक्त कदम उठाये जाने के रूप में स्वभावतः प्रिय लगेगी। तिनी मनःस्थिति और परिस्थिति उसके लिए उपयुक्त है। वे उसमें सम्मिलित होने का प्रयत्न भी करेंगे। ऐसे लोगों को कुछ बातें विशेष रूप से जानने योग्य है।
(1) यह शुभारम्भ गायत्री जयन्ती तारीख 23 जून से प्रारम्भ होगा। जिन्हें स्वीकृति मिले वे तारीख 22 की शाम तक मथुरा पहुँच जायें।
(2) प्रथम परीक्षण 34 दिन का होगा। गुरुपूर्णिमा 29 जुलाई की है, उस दिन स्थायी प्रवेश मिलेगा। इस अवधि में उपयुक्तता और अनुकूलता की जाँच पड़ताल दोनों पक्ष कर सकेंगे।
(3) प्रवेशार्थी अपनी पिछली जीवनचर्या एवं अपनी वर्तमान परिस्थितियों का विस्तार पूर्वक उल्लेख करे। शारीरिक, मानसिक, शैक्षणिक, पारिवारिक एवं आर्थिक सभी परिस्थितियों का विवरण लिख रहना चाहिए। विवरण एवं परिचय इतना विस्तृत हो कि प्रवेशार्थी की मनःस्थिति एवं परिस्थिति की जानकारी अधूरी न कही जा सके।
(4) घर से निवृत्त होकर मन मौजी छुट्टियाँ मनाने की दृष्टि से कोई न आवे। यह मानकर चलना चाहिए कि सैनिकों जैसे अनुशासन, साधनों जैसे तप-साधन के निमित्त अपने को नये ढाँचे में ढालने के लिए अभीष्ट कठिनाइयाँ सहने के लिए जाया जा रहा है। स्वच्छन्द विचरण और मन चाहे निर्धारण करने की सुविधा यहाँ नहीं है ।
(5) निवृत्त व्यक्ति पत्नी सहित भी रह सकते है। भोजन अपने हाथ बनाने की पूर्ण सुविधा है। आश्रम के सहकारी भण्डार में दैनिक उपयोग की सभी वस्तुएँ मिल जाती है।
(6) जिनके पास अपने आजीविका स्त्रोत परिवार के भरण पोषण जितने मौजूद है वे बच्चों सहित भी आ सकते है। निवास की समुचित सुविधा है। साथ ही आश्रम के गुरुकुल में बालकों के लिए उपयुक्त शिक्षण व्यवस्था मौजूद है।
(7) गुरुपूर्णिमा के उपरान्त सभी साधक अपना भोजन स्वयं पकायेंगे तब तक के दिनों तक आश्रम के भोजनालय में सम्मिलित रहने की व्यवस्था की गई है।
(8) प्रवेशार्थियों को साधना, स्वाध्याय, संयम, सेवा के चार कार्यक्रमों में अपनी दिनचर्या ढ़ालनी है। विश्राम, भोजन, व्यायाम आदि नित्य कर्मों में बँटा हुआ समय इन्हीं चार कार्यक्रमों में साधक की स्थिति देखते हुए तदनुरूप विभाजित किया जायेगा। यह निर्धारण हर व्यक्ति की स्थिति का पर्यवेक्षण कराने के उपरान्त ही किया जायेगा।
(9) देव-परिवार के प्रवेशार्थी तारीख 30 तक आवेदन पत्र, शान्तिकुंज हरिद्वार के पते पर भेजकर स्थान सुरक्षित करा ले। सीमित स्थान पूरे हो जाने पर, बाद वालों को जगह न मिल सकेगी।
सत्रों सम्बन्धी तीन सूचनायें
(1) इस बार देव परिवार के प्रशिक्षण की नई विधि व्यवस्था आरम्भ होने से सारा ध्यान प्रयत्न इसी एक प्रक्रिया के सुसंचालन पर केन्द्रित रहेगा। इसलिए जुलाई, अगस्त, सितम्बर में परिव्राजक सत्र, महिला सत्र एवं संगीत सत्र, साधना सत्र स्थगित रहेंगे उसके उपरान्त ही उन्हें आरम्भ किया जा सकेगा। अस्तु इन तीन महीनों के लिए अन्य वर्ग के शिक्षार्थी आवेदन पत्र न भेजे।
(2) ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के सदस्यों का एक पाँच दिवसीय काम-काजी सत्र तारीख 25 से 26 जून तक चलेगा। संस्थान के सदस्य हो उसमें भाग ले सकेंगे। जो आने चाहें, स्वीकृति प्राप्त कर लें।
(3) कन्या प्रशिक्षण सदा की भाँति 1 जुलाई से आरम्भ होगा। प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 26 वर्ष और शिक्षा मैट्रिक कर दी गई है, कम पढ़ी और कम आयु की लड़कियाँ यहाँ की भारी शिक्षा विधि को गले उतार नहीं पाती। इस वर्ष से लड़कियों के मिल जुल कर, छोटे-छोटे जत्थों में अपना भोजन आप बना लेने की विशेष सुविधा की गई है। छात्राएँ 25 मई तक स्वीकृति प्राप्त कर लें।