Magazine - Year 1973 - Version 2
Media: TEXT
Language: HINDI
Language: HINDI
आत्मा के अस्तित्व को स्वीकार करना ही पड़ेगा
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
डाक विभाग की अनियमित वितरण व्यवस्था के कारण गत कई मासों से अखण्ड ज्योति अत्यधिक विलम्ब से पहुँच रही है। अप्रैल की पत्रिका 2-3 अप्रैल को डाक घर से रवाना कर दी गई थी फिर भी अनेक स्थानों पर अप्रैल के अन्त तक नहीं पहुँची। बहुत-सी मार्ग में भी खो गई। इस अव्यवस्था से पाठकों को बड़ी असुविधा हो रही है- इसके लिए डाक अधिकारियों से हम बराबर वितरण व्यवस्था ठीक करने का अनुरोध कर रहे हैं।
इस सम्बन्ध में उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करना आवश्यक है, हम भी यहाँ से प्रयास कर रहे है। इस मास से पत्रिका भेजने की तारीख की मुहर पत्रिका के रैपर पर लगी रहेगी जिससे यहाँ की प्रेषण तिथि की निश्चितता हो सके। पाठकों से अनुरोध है यदि पत्रिका यहाँ से भेजने की तिथि के एक सप्ताह बाद पहुँचे (यद्यपि डाक तीन दिन के अन्दर बँट जाने का प्रावधान है) तो कृपया निम्न विवरण के साथ पोस्ट मास्टर जनरल उ.प्र. लखनऊ को मूल रैपर भेजने हुए-विलम्ब की जाँच का अनुरोध करें। चूँकि पत्रिकाएँ मार्ग में रुकती है। अतः स्थानीय डाक अधीक्षकों के नियन्त्रण क्षेत्र में नहीं आती।
प्रेषक- अखण्ड-ज्योति संस्थान मथुरा-प्रेषक डाकघर गायत्री तपोभूमि मथुरा डाकघर
प्रेषक तिथि
प्राप्ति का डाकघर
प्राप्ति की तारीख
रजिस्टर्ड बण्डल की स्थिति में रजिस्ट्री संख्या-
प्रतियों की संख्या के साथ ही शिकायत की एक प्रति निम्न पते पर भी प्रेषित करें
महानिदेशक डाक तार नई दिल्ली।
जो प्रतियाँ न पहुँचे उनके सम्बन्ध में भी उक्त पतों पर पत्र व्यवहार किया जाये।
उक्त पतों पर जो भी शिकायतें भेजी जाये वे अपने डाक घर को हाथों हाथ दी जाय उन पर किसी प्रकार का डाक व्यय देय न होगा। शिकायत देने की रसीद सम्बन्धित डाक घर से प्राप्त कर ली जाये इस सम्बन्ध में डाकघर गाइड भाग-1, धारा-76 में स्पष्ट निर्देश है।
96. जनता की शिकायतों का प्रेषण
सेवा के खिलाफ डाकघर के किसी अधिकारी की भेजी गई वास्तविक शिकायतें जिनमें पहली शिकायतों के अनुस्मारक भी शामिल है, यदि किसी डाकघर या तार घर पर खुले रूप में यह किसी खुले लिफाफे में दी गई हो तो प्रेषण के लिए निःशुल्क स्वीकार की जायेगी।
जो भी पत्र-व्यवहार करें उसकी एक प्रति अखण्ड-ज्योति संस्थान मथुरा के पते पर भी भेजने का अनुग्रह करें।