राष्ट्र के समग्र विकास को समर्पित है अश्वमेध महायज्ञ: डा. चिन्मय पंड्या
युवाओं के आदर्श डॉ चिन्मय पंड्या जी ने मुंबई अश्वमेध महायज्ञ में अश्वमेध यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अश्वमेध यज्ञ राष्ट्र को समर्थ और शक्तिशाली बनाने के लिए किया जाने वाला अध्वर अर्थात हिंसारहित कर्म है। अश्वमेध यज्ञ राष्ट्र के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के निमित्त आयोजित किए जाते हैं।भगवान राम द्वारा रावण के आसुरी साम्राज्य को समाप्त करने के पश्चात रामराज्य की स्थापना के लिए अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया गया था। वर्ष 1992 में परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के सूक्ष्म संरक्षण और वंदनीया माताजी भगवती देवी शर्मा के सानिध्य में जयपुर, राजस्थान की धरती से अश्वमेध यज्ञों की शृंखला की शुरुवात हुई। राष्ट्र निर्माण तथा राष्ट्र की सर्वतोननमुखी सुख समृद्धि के संकल्पों के साथ परम वंदनिया माताजी द्वारा इस दिव्य आयोजन का शुभारंभ किया गया था।देश विदेश में देव संस्कृति दिग्विजय अभियान के अंतर्गत 46 अश्वमेध यज्ञों का आयोजन हो चुका है और 47वाँ अश्वमेध मुंबा देवी की धरती, छत्रपती शिवाजी की धरती,संत ज्ञानेश्वर, समर्थ रामदास की धरती, संतों शहीदों एवं सुधारकों की पावन भूमि, देवभूमि महाराष्ट्र के खारघर मुंबई में आयोजित हो रहा है और यह अश्वमेध महायज्ञ हमारे राष्ट्र को समर्थ, संगठित,विकसित, सुसम्पन्न, शक्तिशाली बनाएगा और जगतगुरु के गौरव को हम पुनः प्रतिस्थापित किया जाएगा।