आदरणीया शेफाली पंड्या जीजी का सप्तक्रांतियों द्वारा रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए नारियों का आह्वान
मुंबई अश्वमेध महायज्ञ के दूसरे दिन 22 फरवरी 2024 को सायं कलामंच से संस्कृतिपरक प्रेरणादायक मनोहारी कार्यकर्मों के मध्य परम आदरणीया शेफाली जीजी द्वारा अपने उद्बोधन में सप्तक्रांतियों द्वारा रचनात्मक कार्यक्रमों के लिए नारियों का आह्वान किया गया। उनने अपने प्रवचन में कहा की वस्तुतः नारी देवत्व की मूर्तिमान प्रतिमा है- वह दया करुणा, सेवा सहयोग, ममता, वात्सल्य, प्रेम और संवेदना की जीती जागती तस्वीर होती है।पुरुष में साहस, पराक्रम, बल, शौर्य आदि गुण प्रधान होता है परन्तु नारी संवेदना प्रधान होती है। वह ईश्वर की अनुपम कृति है, रचना है जो संसार में प्रेम दिव्यता, संवेदना, ममता, करुणा का संचार करती है। वह मातृत्व व वात्सल्य की विलक्षण विभूति है जो ईश्वर का प्रतिनिधित्व करती है।परम पूज्य गुरुदेव ने नवीन समाज की परिकल्पना करते हुए सम्पूर्ण क्रांति के लिए नवयुग का आह्वान किया था। हम सभी को उनके द्वारा बताए गए शत सूत्री योजनाओं या सप्त क्रांतियों में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए।