मातृशक्ति दिवस पर गायत्री परिवार की जाग्रत्, सशक्त, संवेदनशील देवियों ने दिये प्रेरक संदेश
विविध कार्यक्रमों के माध्यम से नारी जागरण का शंखनाद
बैंगलुरू। कर्नाटक
गायत्री चेतना केंद्र बैंगलुरू में मातृ दिवस के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मातृशक्ति को समाज में उनकी महत्ता का बोध कराने तथा कर्त्तव्यों व अधिकारों के प्रति जागरूक करने की दृष्टि से किया गया था।
विशिष्ट अतिथि वैज्ञानिक दीप्ति देवधरे ने प्रेरक संबोधन में कहा कि महिलाओं का योगदान शिक्षा, सेवा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कई अन्य क्षेत्रों में बेहद खास है। डॉक्टर आभा सक्सेना तथा शिक्षिका श्रीमती रजनीगंधा के विचारों ने भी श्रोताओं में उमंग और उत्साह का संचार किया। उन्होंने इस समारोह को प्रतीकात्मक समारोह न बनाकर महिलाओं को शिक्षित करने, उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए निरंतर प्रयास करने की प्रेरणा दी।
प्रज्ञा गीत, लघु नाटिका ‘यज्ञोद्भव याज्ञसैनी’ तथा कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों से नारियों को अपने सम्मान के लिए दृढ़ संकल्पित होने का संदेश दिया। कार्यक्रम का संचालन सायु बड़गोती,श्रीमती रीता रजक, चंदना एवं श्रीमती शिवांगी झारबडे ने किया।
गायत्री यज्ञ सहित सभी कार्यक्रमों का संयोजन, संचालन, प्रस्तुतीकरण
महिलाओं ने ही किया।