अटलांटा और ह्यूस्टन में गुरू पूर्णिमा उत्सव व कार्यकर्त्ता सम्मेलन पूज्य गुरूदेव के विचारों के प्रकाश में हम जीते-जागते मंदिर बनाएँ। - आद. डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी
27 जुलाई को अटलांटा परिवार ने आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी के सान्निध्य में गुरू पूर्णिमा पर्व मनाया। शान्तिकुञ्ज से पहुँचे युगगायक श्री ओंकार पाटीदार की टोली ने अत्यंत भावपूर्ण प्रज्ञागीतों से उपस्थित लगभग 100 जिज्ञासु श्रद्धालुओं को भक्तिभाव से रोमांचित कर दिया। ऐसे दिव्य वातावरण में आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी ने परम पूज्य गुरूदेव के जीवन के मार्मिक संस्मरणों के साथ उनके क्रान्तिकारी विचारों की बानगी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि परम पूज्य । गुरूदेव के विचारों के अनुरूप ही नवयुग[ की संरचना होने जा रही है। उन्होंने इन विचारों के प्रकाश में जीते-जागते देव मंदिर बनाने का आग्रह कार्यकर्त्ताओं से किया।कार्यक्रम में शान्तिकुञ्ज की टोली के साथ सर्वश्री जाधव जी, नरेंद्र भाई, विपिन भाई, विरल भाई, रश्मि भाईउपस्थित रहे।
ह्यूस्टन में :
27 जुलाई की प्रात: गायत्री चेतना केन्द्र ह्यूस्टन, टेक्सास में कार्यकर्त्ता गोष्ठी सम्पन्न हुई। इसमें शान्तिकुञ्ज का संदेश और गुरूसत्ता के दिव्य संरक्षण की अनुभूतियाँ प्राप्त करने पूरे टेक्सास प्रान्त के कार्यकर्त्ता उपस्थित थे। गोष्ठी का शुभारंभ शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि प्रो. विश्वप्रकाश त्रिपाठी जी के उद्बोधनसे हुआ। श्री ओंकार पाटीदार के ओजस्वी टिप्पणियों युक्त प्रज्ञागीतों ने लोगों में नवसृजन अभियान में भागीदारी की हूक जगाई। आदरणीय डॉ. चिन्मय जी ने रामायण और महाभारत के मार्मिक प्रसंगों के साथ उपस्थित युगसृजेताओं को आत्मबोध के लिए तथा उनके समर्पण भाव झकझोरा। उन्होंने शक्ति कलश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाकर उन्हें युगशक्ति से अनुप्राणित करने का आह्वान किया। कार्यक्रम बहुत सफल रहा। प्राय: सभी श्रद्धालुओं ने युगऋषि की प्राण चेतना को नए व्यक्तियों तक पहुँचाकर उन्हें युग निर्माण आन्दोलन से जोड़ने के संकल्प लिए। गोष्ठी में श्री महेश भाई, संगीता बेन, केतन जी समेत अनेकों कार्यकर्त्ता उपस्थित रहे।