ज्योति कलश
गौतम बुद्ध नगर
यज्ञशाला पर मंडल की सक्रिय कार्यकर्ता बहनों द्वारा लाया गया । यहाँ पर सभी बहनों द्वारा- अखंड जप रखा गया । निरंतर वर्षा के कारण- साधना ग्रूप में गुरू सत्ता की दिव्य उपस्थिति सहज ही महसूस हुई । कार्य क्रम में वांगमय स्थापना ये, मंत्र लेखन अभियान, से नये परिवारों को जोड़ा गया । 251कुंडीय यज्ञ की सफलता के लिए- सवा लाख जप से ऊपर जप हुआ । अखंड जप समापन के बाद- १६००० के क़रीब आरती में राशि आई । मंडल की हर बहन द्वारा निर्धारित २४वांगमय स्थापना का क्रम प्रारंभ हुआ । साथ ही वरूण देवता की निरंतर कृपा से- गायत्री मय मंदिर परिसर यज्ञशाला पर 108दीपको से दीप यज्ञ, संगीत संध्या, विशेष उद्बोधन, के साथ रात्रि-७बजे कलश की विदाई- प्रज्ञा विस्तार केंद्र तक की गई । लाने ले जाने की व्यवस्था- मंडल की गाड़ियों द्वारा की गई । गुरू सत्ता का आशीर्वाद लेकर कार्य क्रम- सुखद, सारगर्भित और प्रसन्न वातावरण में- ज्योति कलश के अन्तर्गत- पूरा ही साधना ग्रूप भाव विभोर हुआ ।