कषाय-कल्मषों को उतारकर नवजीवन पाने का पर्व है श्रावणी
जोबट, अलीराजपुर। मध्य प्रदेश गायत्री परिवार जोबट ने स्थानीय डोही नदी तट पर श्रावणी पर्व मनाया। परिजनों ने हल्दी, शहद, गोबर, गोमूत्र, गोदुग्ध, दही, राख, घी आदि से दश स्नान और देवतर्पण, ऋषितर्पण, पितृतर्पण, हेमाद्रि संकल्प आदि विधियाँ बड़े उत्साह के साथ सम्पन्न कीं। वानप्रस्थी श्री राजेन्द्र प्रसाद सोनी ने पर्व के प्रयोजन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि जिस प्रकार सर्प अपनी केंचुली उतार कर नवजीवन प्राप्त करता है, उसी प्रकार हमें श्रावणी उपाकर्म के साथ अपने जीवन के कषाय-कल्मषों से मुक्त होकर मानवोचित वन जीने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने इसे जीवन को उच्च आदर्शवादी और अधिक प्रखर-तेजस्वी बनाने वाला पर्व बताया। नदी तट पर श्रावणी उपाकर्म के पश्चात् गायत्री शक्तिपीठ में नौ कुण्डीय यज्ञ हुआ। सभी ने एक-दूसरे को राखी बाँधकर रक्षाबंधन पर्व मनाया। जोबट एवं अन्य गाँवों से आए 60 परिजनों ने इसमें भाग लिया। श्रावणी पर्व का संचालन श्री माँगीलाल डाबर ने किया।