प. पूज्य गुरूदेव के विचारों से प्रभावित हुआ किन्नर समाज
शान्तिकुञ्ज के कार्यकर्त्ताओं का एक दल समय- समय पर हरिद्वार, ऋषिकेष सहित विभिन्न स्थानों में अलग-अलग समुदायों के बीच परम पूज्य गुरूदेव के विचारों को पहुँचा रहा है। इसी क्रम में यह दल 9 अक्टूबर को हरिद्वार में किन्नर समुदाय के बीच पहुँचा। उन्हें ‘आत्मा न नर है, न नारी’ और ‘जीवन देवता की साधना आराधना’ जैसी पुस्तकें भेंट करते हुए भेदभाव की हर प्रकार की मानसिकता से ऊपर उठकर जीवन की गरिमा को समझने एवं उसका सदुपयोग करने तथा आध्यात्मिक उन्नति के लिए प्रयत्नशील रहने की प्रेरणा दी। उन्हें ‘गायत्री महामंत्र लेखन’ पुस्तिकाएँ भी दी गई। शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधियों से मिलकर किन्नर समुदाय गद्गद था। समुदाय की अध्यक्ष पायल जी ने गुरूदेव के साहित्य को अपने मस्तक से लगा कर अपनी सद्भावनाएँ व्यक्त कीं और आशा की कि उनकी कृपा तथा उनके विचारों के माध्यम से किन्नर समुदाय भी समाज के उत्थान में उल्लेखनीय योगदान दे सकेगा।