करम महोत्सव पर वन विभाग ने की अनूठी पहल
पौधे बाँटे, रक्षा सूत्र बँधवाये और पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई
हजारीबाग। झारखण्ड
आदिवासी और हिन्दू किसानों द्वारा देश के कई राज्यों में भाद्रपद शुक्ल एकादशी, पद्मा एकादशी के दिन करम पर्व मनाया जाता है। यह एक फसल उत्सव है, जिसमें अच्छी फसल की कामना के साथ करम-देवता की पूजा की जाती है। इस पर्व को मनाने के लिए लोग उपवास रखते हैं और करम वृक्ष की शाखा को घर के आँगन में लगाते हैं। हजारीबाग जिले के यलांचल स्थित ग्राम बहेरा में 14 सितम्बर को यह पर्व को मनाते हुए स्थानीय वन विभाग ने एक प्रगतिशील पहल की। ग्रामीणों ने मांदर की थाप पर खूब नृत्य करते हुए करम पर्व मनाया। इस अवसर पर वन विभाग के प्रभारी वनपाल शैलेंद्र कुमार, सुनील कुमार, संजय कुमार महतो ने ग्रामीणों को जागरूक भी किया। उन्होंने कहा कि करम के पौधों की हम लोग डाली लगाने के नाम पर बहुत से अपरिपक्व पौधों को बरबाद कर डालते हैं। इसलिए हमें अधिक से अधिक संख्या में पौधा रोपण कर उन्हें बचाने की भी आदत डालनी चाहिए।
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