Books - गीत माला भाग १५
Media: TEXT
Language: EN
Language: EN
सब भाव पूर्ण आज
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
सब भाव पूर्ण आज
सब भाव पूर्ण आज, गुरु को नमन करें।
अब आ गया समय, समग्र समर्पण करें॥
हर व्यक्ति असंयम से, दुर्व्यसन से ग्रसित है।
परिवार कुसंस्कार, कुरीति से ग्रसित है॥
आडम्बरों अज्ञान के, असुरों से रण करें॥
है दुष्प्रवृत्तियों अनीतियों का दुश्चलन।
अश्लीलतायें कर रही, नारी पे आक्रमण॥
खर्चीली शादी दहेजों, का मद दमन करें॥
अब छटपटा उठा है, परमहंस का हृदय।
अनिवार्य हो गया, विवेकानन्द का उदय॥
अविलम्ब देव संस्कृति, का उन्नयन करें॥
शिष्यों का निभा पाये न, दायित्व हम अगर।
तड़पेगा वेदनाओं से, गुरुदेव का जि़गर॥
है क्या शिवा समर्थ की, पीड़ा हरण करें॥
अध्यात्म आत्मशक्ति का, संबल लिये हुए।
गुरु की विचार क्रांति का, बल है लिये हुए॥
गुरु साक्षी में सप्तक्रांतियों, का व्रत वरण करें॥
सब भाव पूर्ण आज, गुरु को नमन करें।
अब आ गया समय, समग्र समर्पण करें॥
हर व्यक्ति असंयम से, दुर्व्यसन से ग्रसित है।
परिवार कुसंस्कार, कुरीति से ग्रसित है॥
आडम्बरों अज्ञान के, असुरों से रण करें॥
है दुष्प्रवृत्तियों अनीतियों का दुश्चलन।
अश्लीलतायें कर रही, नारी पे आक्रमण॥
खर्चीली शादी दहेजों, का मद दमन करें॥
अब छटपटा उठा है, परमहंस का हृदय।
अनिवार्य हो गया, विवेकानन्द का उदय॥
अविलम्ब देव संस्कृति, का उन्नयन करें॥
शिष्यों का निभा पाये न, दायित्व हम अगर।
तड़पेगा वेदनाओं से, गुरुदेव का जि़गर॥
है क्या शिवा समर्थ की, पीड़ा हरण करें॥
अध्यात्म आत्मशक्ति का, संबल लिये हुए।
गुरु की विचार क्रांति का, बल है लिये हुए॥
गुरु साक्षी में सप्तक्रांतियों, का व्रत वरण करें॥