Books - तप और योग के मार्मिक पक्ष
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Language: HINDI
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सब कुछ प्राप्त करना संभव
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मित्रो! पुराने जमाने की बात मैं नहीं कहता हूँ। यह तो मैं अभी की बात कह रहा हूँ कि योग के द्वारा सब कुछ हो सकता है। इससे हम अपने शरीर पर नियंत्रण कर सकते हैं, हृदय को बंद कर सकते हैं, हृदय को चालू कर सकते हैं। अपने शरीर के नए नए जीवकोशों को उलटा -पुलटा कर सकते हैं। हमारे जो हॉरमोन्स गरम हैं, उन्हें ठंडा कर सकते हैं, ठंडे को गरम कर सकते हैं ये किससे कर सकते हैं? यह सिद्धियों की बात कह रहे हैं, समझदारों की बात कह रहे हैं कि हमारे भीतर जितनी विशेषताएँ हैं, उन्हें अतींद्रिय विशेषता कहते हैं। इन अतींद्रिय विशेषताओं की क्षमता को जगा लेना ध्यानयोग के द्वारा संभव है। यह तो हुई एक बात और दूसरी? दूसरी यह है कि ध्यानयोग के द्वारा वे विशेषताएँ प्राप्त करना भी संभव है, जिनको हम भगवान कहते हैं, ब्रह्मतत्त्व कहते हैं। ब्रह्मतत्त्व के साथ में हम अपने आप को मिला लें, जो सारे विश्व में छाया हुआ है, जिसके नियंत्रण में सारी सत्ता चलती है। जो विश्व का स्वामी है। जिसके अंतर्गत तमाम सारी चीजों की दिव्य धाराएँ बहती हैं, वह हमारी जीवात्मा को शांति-संतोष से लेकर के मुक्ति और मोक्ष तक प्रदान करती है। एक स्थिति यह है। दूसरी स्थिति वह है, जिसमें सिद्धियाँ रहती हैं, चमत्कार रहते हैं। हमारे पाँचों शरीरों, कोशों में विशेषताएँ भरी पड़ी हैं, छिपी पड़ी हैं। सौंदर्य हमारे शरीर में छिपा पड़ा है बल हमारे शरीर में छिपा पड़ा है, श्रम करने की क्षमता हमारे शरीर में छिपी पड़ी है। ऐसी क्षमताओं वाला हमारा सूक्ष्मशरीर है, प्राणशरीर है। पाँचों कोश हैं, जिनकी अपनी-अपनी विशेषताएँ हैं, विलक्षणताएँ हैं; जिनको सिद्धियों और चमत्कार कहते हैं ।
इनको प्राप्त करने के लिए क्या करना पड़ेगा? बेटे, इसके लिए हमारे पास एक ही हथियार है और उसका नाम है-ध्यानयोग। ध्यानयोग किसे कहते हैं? योग को। योग की व्याख्या कीजिए। योग की व्याख्या है-ध्यानयोग। ध्यानयोग के बहुत से तरीके हैं। इनमें से थोड़े-थोड़े तरीके हम आपको सिखाते हैं ।
इनको प्राप्त करने के लिए क्या करना पड़ेगा? बेटे, इसके लिए हमारे पास एक ही हथियार है और उसका नाम है-ध्यानयोग। ध्यानयोग किसे कहते हैं? योग को। योग की व्याख्या कीजिए। योग की व्याख्या है-ध्यानयोग। ध्यानयोग के बहुत से तरीके हैं। इनमें से थोड़े-थोड़े तरीके हम आपको सिखाते हैं ।