Books - यज्ञ का ज्ञान और विज्ञान
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Language: HINDI
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प्रदूषण-निवारण वाला विज्ञान पक्ष
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अब आप उसका विज्ञान पक्ष सुन सकते हैं। किसका? यज्ञ का, जिसका हम प्रचार करने वाले हैं और जिसके लिए चौबीस लक्ष का पुरश्चरण करने के लिए आपको भेजने वाले हैं। हर जगह आपको यज्ञ करने का और यज्ञ कराने का मौका मिलेगा और आपके व्याख्यान करने पर जनता आपसे पूछेगी कि किसलिए आप हवन करा रहे हैं? हवन से क्या फायदा हो सकता है? ज्ञानपक्ष के नाम पर ये बातें, जो मैं आपसे निवेदन कर रहा हूँ आप लोगों को बता सकते हैं। अब यज्ञ का एक और पक्ष शुरू होता है। यज्ञ का, अग्निहोत्र का विज्ञान पक्ष क्या है? बेटे! यज्ञ का विज्ञान पक्ष यह है कि हम इस संसार में गंदगी फैला रहे हैं। आप इस संसार को मान लीजिए कि यह एक अच्छा−खासा तालाब है। इस तालाब में हमारा क्या काम है? जिस दिन से हमने जन्म लिया है, उस दिन से गंदगी फैला रहे हैं। कैसी गंदगी फैलाते हैं? हमारे शरीर में जितने भी सूराख हैं, सब गंदगी थूकते रहते है। हमारे मुँह में से थूक निकलता रहता है। नाक में से जो साँस निकलती है, आप पता लगा लीजिए इसमें गंदी हवा रहती है। हम ऑक्सीजन खाते रहते हैं और हमारी नाक बराबर खराब हवा थूकती रहती है। हमारे मुँह में से बदबू निकलती रहती है और कफ़ निकलता रहता है, लार निकलती रहती है और पानी निकलता रहता है और नीचे वाले हिस्से तो निरंतर गंदगी फैलाते रहते हैं। हमारा एक सूराख टट्टी फैलाता रहता है और एक पेशाब उगलता रहता है। दूसरे छिद्र पसीने की बदबू फैलाते रहते हैं। हमारे शरीर में इतने ढेरों के ढेरों सूराख हैं, जो सब बदबू निकालते हैं। आदमी क्या निकालता है? बदबू। आदमी क्या है? बदबू इसीलिए इस कमबख्त को बार-बार स्नान कराना पड़ता है। कभी तेल चुपड़ना पड़ता है, कभी कोई पाउडर चुपड़ना पड़ता है। कभी इत्र-फुलेल चुपड़ना पड़ता है।