प्राकृतिक उपचार एवं आहार प्रशिक्षण
शिविर में प्राकृतिक विधियों से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करते परिजन
केवलारी, सिवनी। म.प्र.
गायत्री शक्तिपीठ केवलारी में 5 दिवसीय प्राकृतिक उपचार एवं आहार प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुआ। 13 जुलाई से आरंभ हुए इस शिविर में 63 शिविरार्थियों ने भाग लेते हुए जन्मभूमि आँवलखेड़ा से आए प्रशिक्षकों से बिना किसी औषधि के सहज जीवन जीते हुए स्वस्थ रहने के सूत्र समझे, सीखे। शक्तिपीठ पर आयोजित अपनी तरह के प्रथम शिविर का समापन कई गणमान्यों और शिविरार्थियों के संबंधियों, परिचितों की उपस्थिति में हुआ। डॉ. जितेंद्र सिंह प्रज्ञेय ने शिविर की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रकृति के साथ जीना बड़ा सहज है, लेकिन देश के बड़े शहरों में इसका भी व्यवसायीकरण होता जा रहा है। इसके विपरीत गायत्री परिवार ने शक्तिपीठों पर ऐसे प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर प्राकृतिक चिकित्सा और आहार विद्या को सर्वसामान्य के लिए सहज सुलभ बनाने का लक्ष्य रखा है। डॉ. जितेंद्र सिंह प्रज्ञेय ने बताया कि इस शिविर में योग, ध्यान, स्टीम थैरेपी, हॉट फूट बाथ, औषधि एनिमा, हॉट वाटर बैग थेरेपी, मिट्टी-पट्टी, अमृत पेय, गर्म-ठंडी पट्टी, फुट पेच, नस्य थेरेपी, कुंजल, जल नेती, रबर नेती, कटि स्नान, धूप स्नान, मड थैरेपी, आहार चिकित्सा, एक्यूप्रेशर चिकित्सा, थॉट थैरेपी आदि उपायों से जटिल रोगों का सहज उपचार हो जाता है। रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा, माइग्रेन, घुटने तथा शरीर के विभिन्न स्थानों के असहनीय दर्द पर बिना ऐलापैथिक दवाओं के नियंत्रण प्राप्त किया जा सकता है।