Books - संस्कृति की सीता को वापस लाएँ
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Language: HINDI
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जनजागरण हेतु बड़ी सेना की तैयारी
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इसलिए मित्रो! आज का सबसे बड़ा काम है, जो हम आपके सुपुर्द करते हैं। क्या सुपुर्द करते हैं? जनजागरण का काम करना पड़ेगा। जनसाधारण को जगाना पड़ेगा। फिर आदमी का वह शिक्षण करना पड़ेगा, जिससे उसकी विचारणा और उसके चिंतन को नए सिरे से दिशा दी जा सके, नए सिरे से उसमें हेर फेर पैदा किया जा सके। अगले दिनों हमको यही करना पड़ेगा। अगले दिनों आपकी वानप्रस्थ योजना, जो बड़ी समर्थ योजना है, बड़ी सशक्त योजना है, बड़ी सांगोपांग योजना है, को चलाएँगे। आप इतनी बड़ी योजना चलाएँगे? हाँ बेटे! इतनी बड़ी योजना चलाएँगे। अब तक हम अकेले काम करते थे। तब हमारे पास क्या था-बस, दो चार दस आदमी गायत्री तपोभूमि पर रहते थे। पाँच-पचास आदमी और थे, जिन्हें जहाँ-तहाँ भेजते थे। अब क्या करेंगे? अब बेटे! हम क्रमबद्ध रूप से परिव्राजक योजना को चलाएँगे। पहले शिविर में आपके कितने आदमी थे? दोनों शिविरों को मिलाकर तीन सौ के करीब हो जाते हैं, ये सब के सब तो नहीं जाएँगे, लेकिन आप यकीन रखिए यहाँ शिविर में जो आते हैं, उतने ही आदमी नहीं हैं। हम अपने सारे के सारे गायत्री परिवार के लोगों को जगाएँगे और बुलाएँगे। समयदानियों से ले करके वरिष्ठ वानप्रस्थों तक की कितनी बड़ी सेना बना लेंगे।