Books - संस्कृति की सीता को वापस लाएँ
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Language: HINDI
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लक्ष्य-उद्देश्य ऊँचे हैं कि नहीं?
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मित्रो! देवी किसकी सहायता करती है? देवी जप करने वाले की सहायता नहीं करती, पाठ करने वाले की सहायता नहीं करती। देवी उनकी सहायता करती है, जिनके उद्देश्य ऊँचे हैं, जिनके लक्ष्य ऊँचे हैं, जिनके सामने कोई मकसद है, जिनके सामने कोई उद्देश्य है। उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए जब आदमी उठ खड़े होते हैं, तब देवताओं की भरपूर सहायता मिलती है। देवताओं को आपने देखा नहीं है। बीसियों जगह विवरण आता है, जहाँ देवता फूल बरसाने आए। क्यों साहब! देवताओं का केवल यही काम है-फूल बरसाना? यह क्या बात है? क्या वे कौम के माली हैं? इनके यहाँ फूलों की खेती होती है? जहाँ कहीं भी शादी होती है, अच्छा काम होता है, वे फूल लेकर के जाते हैं और बिखेर देते हैं और पीछे से पैसे माँगते हैं। लाइए साढ़े आठ रुपए हमने आपके यहाँ फूल बरसा दिए। देवताओं को और कोई काम नहीं है? जहाँ जाते हैं, वहीं फूल बरसाते रहते हैं। रामायण में आप पढ़ लीजिए बीसियों जगह फूल बरसे हैं। रामचंद्र जी जब पैदा हुए तब बरसे। रामचंद्र जी का विवाह हुआ, तब बरसे। देवताओं ने विमान पर चढ़ करके फूल बरसाए। हम जहाँ भी पढ़ते हैं और दूसरी बात दिखाई नहीं पड़ती। क्यों साहब! देवता फूल बरसाते हैं? हों बेटे! लेकिन फूल बरसाने से मतलब है सहयोग करना, सहकार करना, प्रशंसा करना, समर्थन करना और सहायता देना।