Books - संस्कृति की सीता को वापस लाएँ
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Language: HINDI
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देवता हमेशा ऐसों पर फूल बरसाएँगे
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मित्रो! देवता हमेशा फूल बरसाते हैं और हमेशा बरसाएँगे, लेकिन उनके ऊपर बरसाएँगे, जो कोई ऊँचा उद्देश्य ले करके चलेंगे; जो कोई ऊँचा मकसद लेकर के चलेंगे। जो कोई ऐसा काम ले करके चले हैं, जिससे कि विश्वहित जुड़ा हुआ हो, जिससे किन्हीं सिद्धांतों का परिपालन होता हो, किन्हीं आदर्शों के लिए रामचंद्र जी ने अवतार लिया था। जब दुनिया से पाप का हरण करने के लिए उन्होंने अवतार लिया था तो देवताओं ने कहा था कि भगवान जी! आप चलते हैं? हाँ साहब! अब आप अवतार लेंगे? हाँ साहब! अवतार लेंगे। तो आप अकेले काम नहीं कर सकेंगे? अकेला काम क्यों नहीं कर सकता? ''अकेला चना भाड़ को नहीं फोड़ सकता'' आप अकेले पुल नहीं बना पाएँगे; आप अकेले पहाड़ नहीं उखाड़ पाएँगे, आप अकेले इतने राक्षसों से नहीं लड़ पाएँगे। इसलिए सहायकों की जरूरत है। बेशक उनके साथ सहायक आए थे। कौन-कौन आए थे? देवताओं ने कहा कि आपके साथ-साथ मनुष्यों के रूप में, मनुष्यों के वेश में हम जाएँगे, जन्म लेंगे। मनुष्य तो बड़ा चालाक है। उसका सारे का सारा दायरा ऐसे बदमाशों से भरा पड़ा है कि जब हम कुछ अच्छा काम करने लगेंगे तो हमारी अक्ल खराब करने के लिए हजार आदमी आ जाएँगे। हमारी औरत आ जाएगी; हमारा बाप आ जाएगा; हमारा भाई आ जाएगा; हमारे मोहल्ले वाले आ जाएँगे; हमारे रिश्तेदार आ जाएँगे; हमारा साला आ जाएगा-सब आ जाएँगे और कहेंगे कि अच्छा काम मत कीजिए; त्याग-बलिदान की बात मत सोचिए; माल मारने की बात सोचिए, डाका डालने की बात सोचिए। हर आदमी की एक ही सलाह रहेगी, दूसरी सलाह मिलेगी नहीं, जिससे कि शायद हमारा ईमान खराब हो जाए। इसलिए हम आपके साथ चलेंगे।
देवताओं ने क्या किया? सारे के सारे देवता रीछ और वानरों के रूप में जन्म लेकर धरती पर आ गए। उन्होंने वह काम किया था, जो देवताओं को करना चाहिए। किन-किन ने किया था? रीछों ने किया था, वानरों ने किया था। देवता भी बार-बार अवतार लेते रहे हैं। वे दुनिया में किस काम के लिए अवतार लेते रहे हैं? देवता दुनिया में किस काम के लिए आते रहे हैं? वे केवल एक काम के लिए आते हैं-श्रेष्ठ कामों के लिए सहायता करने के लिए। देवता श्रीकृष्ण भगवान के जमाने में भी आए थे। कौन-कौन आए थे? पाण्डव कौन थे? पाण्डव मनुष्य थे? नहीं मनुष्य नहीं थे कुंती से पूछो कि कौन थे? भगवान श्रीकृष्ण जब आए थे तो उन्हें देवताओं की सहकारिता की जरूरत पड़ी थी, तो देवताओं ने जन्म लिया था। पाँच पाण्डव कौन थे? देख, उनमें से एक सूर्य का बेटा था, एक इंद्र का बेटा था, एक पवन का बेटा था, दो अश्विनी कुमार के बेटे थे। सब देवताओं के बेटे थे। तो क्या किया उन्होंने? माल मारा? मकान बनाए? जायदाद बनाई? औरतों के लिए सोने के जेवर बनाए? क्यों साहब! जो देवता जितना बड़ा मालदार, वह उतना ही बड़ा भाग्यवान होता है? भगवान जिसको जितनी दौलत दे, वह उतना ही भाग्यवान होता है। नहीं बेटे! आध्यात्मिक दृष्टि से वह भाग्यवान नहीं होता। आध्यात्मिक दृष्टि से भाग्यवान वह होता है, जिसने जितना त्याग करके दिखाया है, जिसने जितना साहस करके दिखाया है।
देवताओं ने क्या किया? सारे के सारे देवता रीछ और वानरों के रूप में जन्म लेकर धरती पर आ गए। उन्होंने वह काम किया था, जो देवताओं को करना चाहिए। किन-किन ने किया था? रीछों ने किया था, वानरों ने किया था। देवता भी बार-बार अवतार लेते रहे हैं। वे दुनिया में किस काम के लिए अवतार लेते रहे हैं? देवता दुनिया में किस काम के लिए आते रहे हैं? वे केवल एक काम के लिए आते हैं-श्रेष्ठ कामों के लिए सहायता करने के लिए। देवता श्रीकृष्ण भगवान के जमाने में भी आए थे। कौन-कौन आए थे? पाण्डव कौन थे? पाण्डव मनुष्य थे? नहीं मनुष्य नहीं थे कुंती से पूछो कि कौन थे? भगवान श्रीकृष्ण जब आए थे तो उन्हें देवताओं की सहकारिता की जरूरत पड़ी थी, तो देवताओं ने जन्म लिया था। पाँच पाण्डव कौन थे? देख, उनमें से एक सूर्य का बेटा था, एक इंद्र का बेटा था, एक पवन का बेटा था, दो अश्विनी कुमार के बेटे थे। सब देवताओं के बेटे थे। तो क्या किया उन्होंने? माल मारा? मकान बनाए? जायदाद बनाई? औरतों के लिए सोने के जेवर बनाए? क्यों साहब! जो देवता जितना बड़ा मालदार, वह उतना ही बड़ा भाग्यवान होता है? भगवान जिसको जितनी दौलत दे, वह उतना ही भाग्यवान होता है। नहीं बेटे! आध्यात्मिक दृष्टि से वह भाग्यवान नहीं होता। आध्यात्मिक दृष्टि से भाग्यवान वह होता है, जिसने जितना त्याग करके दिखाया है, जिसने जितना साहस करके दिखाया है।