उत्तिष्ठत जाग्रत : क्रांतिदूत युवाओं से विचार क्रान्ति का आह्वान
श्रद्धा, समपर्ण और विश्वास से मनुष्य सब कुछ प्राप्त कर सकता है- डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी
कोलकाता। प. बंगाल
21 अप्रैल 2024 के दिन कोलकाता में शेक्सपियर सरणी रोड स्थित संगीत कला मंदिर प्रांगण में ‘उत्तिष्ठत जाग्रत’ कार्यक्रम का भव्य आयोजन हुआ। प्रदेश के लगभग 20 जिलों एवं आसपास के राज्यों से आए हजारों युवाओं एवं स्वयंसेवी कार्यकर्त्ताओं ने इसमें भाग लिया।
उस दिन भगवान महावीर की 2050वीं जयंती भी थी। दरणीय डॉ. चिन्मय जी ने भगवान महावीर का उदाहरण देते हुए कहा कि मनुष्य में श्रद्वा, समर्पण और विश्वास है तो वह सब कुछ प्राप्त कर सकता है। उन्होंने विचार क्रान्ति को इस युग की महानतम आवश्यकता और सबसे बड़ा परमार्थ बताते हुए कहा कि हमें इसी पथ पर चलकर अपने जीवन को सार्थक करना है।
कार्यक्रम के शीर्षक कठोपनिषद् के सूत्र ‘उत्तिष्ठत जाग्रत ...’ को उन्होंने विस्तार से समझाया। वर्ष 2026 के जन्मशताब्दि कार्यक्रम में तन, मन और धन से लगने एवं यथा शक्ति यथा समय देने के लिए बंगाल के जाग्रत युवाओं का आह्वान किया। ज्योति कलश यात्राओं के माध्यम से बंगाल के सभी जिले, ब्लॉक, ग्राम एवं पंचायत स्तर तक परम वंदनीया माताजी एवं परम पूज्य गुरूदेव को पहुँचाने की प्रेरणा दी।