बुद्ध पूर्णिमा : मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में श्रद्धा, सक्रियता, सफलता की प्रचंड लहर
जन्मशताब्दी वर्ष तक 2 करोड़ नये घरों तक पहुँचने का संकल्प उभरा
देव परिवारों के निर्माण का सशक्त-सुनियोजित अभियान
15 हजार: भोपाल। मध्य प्रदेश
इस वर्ष गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ अभियान के अंतर्गत भोपाल नगर में पंद्रह हजार नये घरों में यज्ञ करवाने का लक्ष्य रखा गया था। इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में प्रदेश के धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन, मंडल, अधिकांश वर्गों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ अभियान मध्य प्रदेश की टीम के सदस्य सर्वश्री सदानंद अंबेकर, रमेश नागर, अमर धाकड़, अशोक सक्सेना, डॉ. दयानंद, श्रवण गीते, रामप्रकाश गुप्ता, शिवनारायण राजपूत, कैलाश सक्सेना, श्याम शर्मा, ओ.पी.
विश्वकर्मा तथा महिला मंडल की प्रभारी मधु श्रीवास्तव एवं उनकी टीम ने पूरे अभियान को व्यवस्थित और सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। प्रज्ञा पीठ बरखेड़ा, 11 चेतना केंद्र के प्रभारी तथा बैरसिया तहसील के सभी भाई-बहिनों ने मिलकर विभिन्न व्यवस्थाएँ सँभालीं। हर कार्यकर्त्ता अपने-अपने मोहल्ले में यज्ञ अभियान को गति देने के लिए बहुत उत्साहित और सक्रिय रहा।
देव परिवार निर्माण
बुद्ध पूर्णिमा के यज्ञ अभियान में शक्तिपीठ के व्यवस्थापक श्री रामचंद्र गायकवाड की विशेष भूमिका रही। वे यजमानों के सतत संपर्क में रहे। आगे भी देव परिवार निर्माण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए शक्तिपीठ ने यजमानों से संपर्क बनाए रखने का निर्णय लिया है, जिससे उन्हें गायत्री परिवार की अन्य गतिविधियों-पर्वों एवं संस्कारों से जोड़ा जा सके।
जोन समन्वयक श्री राजेश पटेल ने बताया कि इस वर्ष प्रदेश में गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ अभियान को व्यापक विस्तार देने में मातृशक्ति श्रद्धा संवर्धन शक्ति कलश यात्राओं का विशेष योगदान रहा। यह यात्राएँ विगत जनवरी से लेकर मई माह तक चलीं, प्रदेश के हर जिले एवं हर ब्लॉक में हर पंचायत स्तर तक पहुँचीं। इनके माध्यम से हुए जनसंपर्क के कारण हर जिले में हजारों नए घरों में गायत्री यज्ञ सम्पन्न हुए।
18 हजार: उज्जैन। मध्य प्रदेश
बुद्ध पूर्णिमा के दिन उज्जैन जिले के लगभग 18 हजार घरों में गायत्री यज्ञ सम्पन्न कराए गए। जिले की हर तहसील में गजब का उत्साह था। खाचरौद के 4800, नागदा के 4500, उज्जैन ग्रामीण के 2000, उज्जैन शहरी के 1500, तराना माकड़ौन के 1500, बड़नगर के 100 और महिदपुर -झारड़ा के 400 घरों में यज्ञ हुए। घर-घर गायत्री उपासना से वातावरण को सकारात्मक एवं ऊर्जावान बनाने, सामाजिक कुरीतियों को मिटाने, वैचारिक प्रदूषण दूर करने और राष्ट्र के उत्थान के लिए सक्रियता अपनाने की प्रेरणाएँ दी गई।
भोपाल के परिवारों ने साझा किए अनुभव
* हमारे यहाँ पहली बार ऐसा कर्मकांड हुआ है।
* इससे हमें नई ऊर्जा एवं एक नया विचार मिला है।
* हमने आज एक पौधा लगाया और कोई भी नशा न करने का संकल्प भी लिया है।
*अब हम अपने देश-समाज के लिये सहयोग अवश्य करेंगे।