युगतीर्थ के प्रति बढ़ती युगसृजेता युवाओं की आस्था
ऋषियुग्म के स्मारकों के समाधि स्थल पर ध्यान करते विभिन्न प्रशासनिक सेवा परीक्षाओं के विद्यार्थी
‘संभवम आईएएस’ के 300 छात्रों ने की शान्तिकुञ्ज की यात्रा
दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी
दिया, दिल्ली भारत के भावी कर्णधारों के व्यक्तित्व विकास के लिए समर्पित है। यह अपने ‘संभवम आईएएस’ कार्यक्रम के अंतर्गत दिल्ली में सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग प्रदान करता है। गायत्री परिवार की युवा शाखा अन्य कोचिंग कक्षाओं की तरह उन्हें विद्वान शिक्षकों के माध्यम से प्रोफेशनल मार्गदर्शन तो प्रदान करती ही है, इसके अलावा विद्याथियों के तनाव प्रबंधन, मनोबल संवर्धन के लिए भी विशेष प्रयास किए जाते हैं, जो द्यार्थियों में नई ऊर्जा, नया विश्वास जगाते हैं। इस क्रम में विद्यार्थियों को समग्र जीवन दर्शन, ध्यान, योग तथा समाजसेवा के कार्यों में जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। संभवम आईएएस के सौजन्य से हर वर्ष युवाओं को कायाकल्प यात्रा के लिए शान्तिकुञ्ज, हरिद्वार लाया जाता है। इस वर्ष अगस्त माह में दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ आदि प्रांतों से संबंध रखने वाले 300 से अधिक युवा कायाकल्प यात्रा के तीन दिवसीय प्रवास में शान्तिकुञ्ज आए। इनमें लगभग 70% छात्र ‘संभवम आईएएस’ कार्यक्रम से जुड़े थे। इसमें सिख और मुस्लिम जैसे विविध धर्म, समुदायों के लोग भी शामिल थे। कायाकल्प यात्रा 2024 में आए अधिकांश युवा पहली बार शान्तिकुञ्ज आए थे। वे यहाँ के दिव्य वातावरण और सच्ची आध्यात्मिकता से बहुत प्रभावित हुए। यहाँ हुए विचार मंथन ने जीवन के प्रति दृष्टिकोण और लक्ष्यों के बारे में नई अवधारणा को जन्म दिया। अधिकांश ने गायत्री का ध्यान, जप और स्वाध्याय शुरू करने का संकल्प लिया। कुछ लोगों ने दीक्षा भी ली। श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी, युवा प्रकोष्ठ प्रभारी श्री के.पी. दुबे तथा शान्तिकुञ्ज के विद्वान वक्ताओ , युगगायकों एवं ई.एम.डी. की टीम ने उनकी विचारधारा को प्रखर, परिष्कृत करने में बहुमूल्य योगदान दिया, जिसके प्रति यात्रा समन्वयकों और लाभार्थी युवाओं ने अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।