आप पढ़े-लिखे लोगों तक हमारी आवाज पहुंचा दीजिए
हमारे विचारों को आप पढ़िए और हमारी आग की चिनगारी को लोगों में फैला दीजिए। आप जीवन की वास्तविकता के सिद्धान्तों को समझिए। ख्याली दुनियां में से निकलिए। आपके नजदीक जितने भी आदमी हैं उनमें आप हमारे विचारों को फैला दीजिए। यह काम आप अपने काम के साथ-साथ भी कर सकते हैं। आप युग साहित्य लेकर अपने पड़ोसियों को पढ़ाना शुरू कर दीजिए। उनको हमारे विचार दीजिए। हमको आगे बढ़ने दीजिए, सम्पर्क बनाने दीजिए ताकि हम उन विचारशीलों के पास, शिक्षितों के पास जाने में सफल हो सकें। इससे कम में हमारा काम बनने वाला नहीं।
जो हमारा विचार पढ़ेगा-समझेगा, वही हमारा शिष्य है। हमारे विचार बड़े पैने हैं। दुनियां को हम पलट देने का दावा जो करते हैं वह सिद्धान्तों से नहीं, बल्कि अपने सशक्त विचारों से करते हैं। आप इन विचारों को फैलाने में हमारी सहायता कीजिए।
अब हमको नई पीढ़ी चाहिए। इसके लिए आप पढ़े-लिखे विचारशीलों में जाइए। उनकी खुशामद कीजिए, दरवाजा खटखटाइए और किसी भी तरह हमारी विचारधारा उन तक पहुंचाइए। हमने सारे विश्व को अपना कार्यक्षेत्र बनाया है। विचार क्रान्ति अभियान आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इस युग की सभी समस्याएं इसलिए पैदा हुई हैं कि आदमी की अक्ल खराब हो गई है।
न पैसा कम है, न कोई चीज कम है, बस अक्ल खराब है। बस इस अक्ल को ठीक करने के लिए ही हमें विचार क्रान्ति में हिस्सा लेना चाहिए। व्यक्ति, समाज, देश, धर्म और संस्कृति के विकास एवं विस्तार करने तथा मानवीय भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए ज्ञान यज्ञ का विस्तार करना चाहिए। आप घर-घर में जाइए, जन-जन के पास जाइए। अलख जगाइए। नवयुग का सन्देश सुनाइए। हमारा साहित्य पढ़वाइए। अगर आपने यह किया तो हमारा दावा है कि युग अवश्य बदलेगा।
~पं श्रीराम शर्मा आचार्य
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