बुद्ध पूर्णिमा : गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ-उपासना अभियान से ऋषि संस्कृति का विस्तार
पूर्वोत्तर में मिली शानदार सफलता
जीरो। अरूणाचल प्रदेश
सुदूर क्षेत्र अरूणाचल प्रदेश में गायत्री परिवार के समर्पित कार्यकर्त्ताओं ने गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ-उपासना अभियान को सफल बनाने के लिए अत्यंत प्रशंसनीय कार्य किया और शानदार सफलता पाई। गायत्री शक्तिपीठ जीरो के परिव्राजक श्री सुधाकर गुप्त ने बताया कि उनके दल ने लगातार 9 दिनों तक जनसंपर्क अभियान चलाकर 150 परिवारों को इस अभियान में भागीदारी के लिए सहमत किया।
बुद्ध पूर्णिमा के दिन शक्तिपीठ की टोली ने प्रात: 10 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक 20 घरों में यज्ञ कराए, सायंकाल 3 स्थानों पर दीपयज्ञ कर समग्र अभियान की पूर्णाहुति की।
70 घरों में परिजनों ने स्वयं यज्ञ किया। अनेक मुस्लिम व ईसाई माता-बहिनों ने भी अपनी-अपनी तरह से प्रार्थनाएँ कर इस वैश्विक अभियान में भाग लिया। गायत्री परिवार की कार्यकर्त्ता बहिनों ने बारिश की परवाह किए बगैर जिस श्रद्धा-निष्ठा का परिचय दिया, वह प्रशंसनीय है।
ऋषि संस्कृति के विस्तार का संदेश
चंद्रपुर। महाराष्ट्र
जिला चंद्रपुर में अखिल विश्व गायत्री परिवार ब्रह्मपुरी द्वारा 608 घरों में यज्ञ संपन्न कराया गया। इनमें 8 बड़े यज्ञ हुए और 600 सूक्ष्म यज्ञ किए गए। कार्यकर्त्ताओं ने गाँव-गाँव संपर्क किया, लोगों को बुद्ध पूर्णिमा के विशेष अभियान का महत्त्व समझाया। सभी परिवारों को सूक्ष्म यज्ञ के किट नि:शुल्क प्रदान किए गए।
चंद्रपुर जिले में यज्ञ के माध्यम से पर्यावरण शुद्धि का संदेश प्रमुख रूप से दिया गया था। लोगों को वातावरण में व्याप्त विषाणुओं को समाप्त करने की यज्ञ की क्षमता पर हुए शोधकार्यों की जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि ऋषियों द्वारा विकसित इस प्राचीन परम्परा से घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और शारीरिक-मानसिक दृष्टि से स्वास्थ्य लाभ होता है। यज्ञ हमारी संस्कृति द्वारा दिया गया एक अमूल्य उपहार है। सभी को बेहतर जीवन के लिए यज्ञ को जीवन का अनिवार्य अंग बनाना चाहिए।
इस अभियान से हजारों लोगों में भक्तिभाव का संचार हुआ। लोगों का कहना था कि यद्यपि यज्ञ छोटा था, लेकिन हमें जो ऊर्जा मिली, उससे हम बहुत खुश हैं। गायत्री परिवार ब्रम्हपुरी ने इस अभियान को पूरे वर्ष पूरी तहसील में चलाने और अगले वर्ष में एक हजार से अधिक घरों में यज्ञ कराने का संकल्प लिया।
गाँवों में आई नवजागृति
सूरत। गुजरात
सूरत में युवा संगठन ‘दिया’, डांग जिला गायत्री परिवार एवं गायत्री शक्तिपीठों के प्रयासों से बड़ी बहुचराजी, डभोली रोड एवं मोरभागल, रांदेर रोड में बुद्ध पूर्णिमा के दिन विशाल यज्ञीय कार्यक्रम सम्पन्न हुए। डांग जिले के पाँच गाँव-पीपल दहद, अमथवा, मोहपाड़ा, भोंडविहिर और गौहान में कुल 220 नए घरों में यज्ञ हुए।
बहिनों की 45 टोलियों ने यह कार्यक्रम सम्पन्न कराए। उन्हें प्रत्येक घर के लिए यज्ञ सामग्री, मंत्र लेखन पुस्तिका, एक बॉल पेन और बहिनों के लिए एक पीली साड़ी पहले से उपलब्ध कराई गई थी।
सार्वजनिक दीप यज्ञ
बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर गाँव पीपल दहद स्थित हनुमान मंदिर में दीप यज्ञ किया गया। दिया, सूरत के प्रतिनिधि श्री सुधीर पटेल के अनुसार 150 ग्रामवासियों ने इसमें भाग लिया, सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भी युग संदेश दिया गया।
15 दिनों तक सघन संपर्क किया
अमरेली। गुजरात
गायत्री ज्ञान मंदिर ट्रस्ट अमरेली ने अपने शहर में घर-घर यज्ञ अभियान को सफल बनाने के लिए लगातार 15 दिनों तक सघन जनसंपर्क अभियान चलाया और उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की। सभी ट्रस्टी और गायत्री परिवार के कार्यकर्त्ताओं के समर्पण भाव के परिणामस्वरूप बुद्ध पूर्णिमा के दिन अमरेली नगर के 410 घरों में यज्ञ सम्पन्न कराए गए। इन देव परिवारों को जनसंपर्क अभियान के साथ ही हवन सामग्री, संक्षिप्त यज्ञ अनुष्ठान विधि पुस्तक, देव परिवार संकल्प पत्र सहित समस्त सामग्री गायत्री परिवार द्वारा उपलब्ध करा दी गई थी।
10 हजार लोगों तक पहुँचा युग संदेश
बूँदी। राजस्थान
बूँदी जिले के विभिन्न गाँवों, तहसीलों में 772 घरों में गायत्री यज्ञ कराए गए। मुख्य ट्रस्टी श्री सुरेश कुमार विजयवर्गीय ने बताया कि यज्ञ अभियान प्रात: 7 बजे से 12 बजे दोपहर तक चला। घर-घर हुए यज्ञों में राष्ट्र को समर्थ, शक्तिशाली एवं प्राणवान बनाये रखने के लिए गायत्री महामंत्र के साथ आहुतियाँ दी गई। 10 हजार से अधिक लोगों ने घर, परिवार और राष्ट्र की सुख-शांति, समृद्धि और पर्यावरण की शुद्धि के लिए प्रार्थनाएँ कीं। समस्त कार्यकर्त्ता, महिला मण्डल और युवा मण्डल के साथ इस महाअभियान की सफलता में महिला मंडल प्रभारी उषा शर्मा का विशेष योगदान रहा।
यज्ञ से नकारात्मकता हटती है
चित्तौड़गढ़। राजस्थान
बुद्ध पूर्णिमा के दिन चित्तौड़गढ़ शहर और पूरे जिले में 250 से अधिक घरों में गायत्री यज्ञ हुए। इन यज्ञों में वातावरण शोधन, स्वास्थ्य संवर्धन, प्राणीमात्र के कल्याण के लिए प्रार्थनाएँ की गई। श्री बद्री लाल माली ने बताया कि इनमें भाग लेने वाले हजारों लोगों को बताया गया कि यज्ञ से सभी प्रकार की नकारात्मकता का शमन होता है और दैवी अनुदान मिलते हैं। लोगों को प्रतिदिन यज्ञभाव से जुड़े रहने के लिए यज्ञ के विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों की जानकारी दी गई। गायत्री शक्तिपीठ के प्रबंध ट्रस्टी श्री रमेश पुरोहित सहित सैकड़ों वरिष्ठ-कनिष्ठ कार्यकर्त्ताओं ने घर-घर गायत्री और यज्ञ का संदेश पहुँचाने में अपना नैष्ठिक योगदान दिया।
साप्ताहिक अभियान बनाने का उत्साह
राठ, हमीरपुर। उत्तर प्रदेश
बुद्ध पूर्णिमा के सुअवसर पर राठ नगर एवं राठ क्षेत्र के सभी ग्रामों में सहस्रों परिवारों ने गृहे-गृहे गायत्री यज्ञ सम्पन्न किया। गायत्री शक्तिपीठ, गायत्री प्रज्ञापीठों सहित कतिपय मंदिरों में भी यज्ञीय कार्यक्रम सम्पन्न कराये गये।
अभियान संयोजक डॉ. एल. एल. त्रिपाठी ने बताया कि जनपद के सातों ब्लॉकों में लगभग 2400 नए-पुराने परिजनों के परिवारों में यज्ञ एवं सामूहिक गायत्री उपासना के कार्यक्रम किये गए। जिला समन्वयक पं. चन्द्रशेखर मिश्र ने कहा कि विगत चार वर्षों से चल रहे इस आध्यात्मिक प्रयोग से वातावरण में दिव्यता का संचार हो रहा है और लोगों का चिंतन, चरित्र बदल रहा है। महिला मंडल प्रमुख श्रीमती उषा व्यास, तहसील समन्वयक श्री भोजराज एवं ब्लॉक समन्वयक श्री शंकर प्रताप सहित अनेक गणमान्यों ने अभियान की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस कार्यक्रम को साप्ताहिक अभियान बना लेने का विनम्र अनुरोध किया।