ओडिशा का प्रान्तीय पुरस्कार वितरण समारोह
शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि एवं गणमान्यों के साथ पुरस्कृत विद्यार्थी
सन् 2019, 2022 और 2023 के पुरस्कारों का वितरण किया गया
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा
सर्वाधिक सहयोग करने वाले विद्यालय एवं महाविद्यालयों के 10-10 अध्यापकों को ‘पं. श्रीराम शर्मा आचार्य उत्कृष्ट सेवा शिक्षक सम्मान’ से विभूषित किया गया।
भुबनेश्वर। ओडिशा : युगशक्ति गायत्री भवन, भुबनेश्वर में दिनांक 25 अगस्त 2024 को ओडिशा का प्रांत स्तरीय भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा पुरस्कार वितरण समारोह सम्पन्न हुआ। इस समारोह में विगत तीन वर्षों में (सन् 2019, 2022 और 2023) में हुई परीक्षा के वरीयता प्राप्त विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि कोरोना त्रासदी के कारण विगत वर्षों में ओडिशा प्रान्त में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित नहीं हो सके थे। ओडिशा सरकार की अतिरिक्त शिक्षा सचिव श्रीमती शुभश्री नंद समारोह की मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण की दृष्टि से भारतीय संस्कृति ज्ञान रीक्षा को बहुत उपयोगी और प्रभावशाली बताया। शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि श्री योगेन्द्र गिरि ने विद्यार्थियों को कोरी पढ़ाई तक सीमित रहने की अपेक्षा जीवन मूल्यों के अभिवर्धन पर ध्यान देने की प्रेरणा दी। श्री शेषदेव बढ़ई ने कहा कि विद्यार्थी सद्विचारों और सत्प्रवृत्तियों में संलग्न रहेंगे तो तमाम सामाजिक विकृतियों से बचे रहेंगे। इससे पूर्व प्रांतीय संयोजक श्री प्रफुल्ल चंद्र दास ने स्वागत उद्बोधन दिया। शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि श्री कमल नारायण साहू ने परीक्षा संबंधी जानकारियाँ प्रदान कीं। कार्यक्रम का संचालन श्री राजेन्द्र महापात्र ने किया। समारोह में प्रतिवर्ष प्रांतीय स्तर पर वरीयता प्राप्त प्रत्येक वर्ग के तीन-तीन विद्यार्थियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। सर्वाधिक भागीदारी करने वाले तीन-तीन विद्यालयों को ट्रॉफी प्रदान की गई। सर्वाधिक सहयोग करने वाले विद्यालय एवं महाविद्यालयों के 10- 10 ध्यापकों को ‘पं. श्रीराम शर्मा आचार्य उत्कृष्ट सेवा शिक्षक सम्मान’ से विभूषित किया गया। कार्यक्रम की सफलता में शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि श्री मंगल सिंह गढ़वाल, श्री सौमित्री थानपति, श्री बलराम साहू, श्री उपेन्द्र पात्र, डॉ. रजत षड़ंगी, श्री मदन मोहन राउत, श्री संतोष जेना, श्रीमती उर्मिला मिश्र आदि की उपस्थिति और वी.एस.एस. नगर प्रज्ञापीठ के भाई-बहिनों का अविस्मरणीय योगदान रहा।